अखिल भारतीय सर्वजातीय पूनिया खाप के हरियाणा प्रधान शमशेर सिंह ने की घोषणा
First Female Fighter Pilot Aastha Poonia (आज समाज) हिसार: हरियाणा की पूनिया खाप देश की पहली महिला फाइटर पायलट आस्था को सम्मानित करेंगी। खाप द्वारा आस्था को पूनिया रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। अखिल भारतीय सर्वजातीय पूनिया खाप के हरियाणा प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार ने बताया कि आस्था पूनिया के पूर्वज हिसार के लाडवा से जाकर यूपी में बस गए थे। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में 5 गांव पूनिया गोत्र के हैं। इस बात का जिक्र गांव में एक कुर्सीनामा (पुश्तैनी रिकॉर्ड) मौजूद है। इस कुर्सीनामा में जिक्र है कि गांव लाडवा को बसाने वाले नेता पूनिया की 15वीं पीढ़ी हिसार से यूपी चली गई।
शमशेर लाडवा ने कहा कि उनको खुशी है कि उनके गांव से संबंध रखने वाले परिवार की बेटी ने इतना बड़ा मुकाम पाया है। पूनिया खाप बेटी को सम्मानित करेगी और पूनिया रत्न अवॉर्ड भी देगी। गौरतलब है कि आस्था पूनिया विंग्स आॅफ गोल्ड सम्मान पाने वाली भारतीय नौ सेना की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं है। आस्था के माता-पिता सरकारी टीचर हैं।
हिसार के लाडवा से यूपी में जाकर बसे पूर्वज
आस्था पूनिया के दादा बुद्ध सिंह चौधरी ने बताया कि उनका पैतृक गांव हिसार का लाडवा है। इसके बाद उनके पूर्वज भिवानी के गांव मंधाना चले गए थे। वहां से वह यूपी आ गए। अब लाडवा में उनके परिवार का कोई नहीं रहता वह कभी लाडवा नहीं आए।
बचपन में कहती थी हवाई जहाज उड़ाउंगी
आस्था बचपन से ही बड़ी होनहार थी। गांव आती थी तो मुझसे सेना के बारे में पूछती थी। बचपन में जब आसमान में हवाई जहाज उड़ते हुए देखती थी तो बोलती थी कि दादू एक दिन मैं भी जहाज उड़ाउंगी। आज उसने अपना सपना साकार कर लिया।
रियर एडमिरल जनक बेवली ने सौंपा सम्मान
जुलाई को विशाखापट्टनम में स्थित आईएनएस डेगा में द्वितीय बेसिक हाक कन्वर्जन कोर्स का समापन हुआ, जिसमें आस्था को विंग्स आॅफ गोल्ड सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें रियर एडमिरल जनक बेवली ने सौंपा। यह सम्मान सिर्फ नौसेना के लड़ाकू विमानों के पायलटों को प्राप्त होता है।
भाई भी नौ सेना में जाने की कर रहा तैयारी
परिवार में एक छोटा भाई भी है। वह भी सेना की तैयारी कर रहा है। फैमिली पिछले 12 साल से मुजफ्फरनगर में रह रही है। शुरूआत से ही आस्था का सपना भारतीय नौसेना में जाने का था। उन्होंने नौसेना में जाने के लिए मल्टी नेशनल कंपनी में 21 लाख रुपए के पैकेज को भी ठुकरा दिया था।
दादा रावल लाडवा से गए उत्तर प्रदेश
लाडवा गांव में मौजूद कुर्सीनामा के अनुसार नेता पूनिया ने लाडवा गांव को बसाया था। इसके बाद उनका बेटा जलिया पूनिया हुआ। जलिया का बेटा कलिया हुआ और उनका परिवार आगे बढ़ा। कलिया के दो बेटे हुए फेरन और जब्दर। फेरन के तीन लड़के हुए। सरिया, जालब, पुसा। पुसा का बेटा था रावल। दादा रावल ही वो शख्स थे जो गांव लाडवा से उत्तर प्रदेश गए और वहां गांव नेक गांव में जाकर बस गए।
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