साइबर अपराधियों से साठगांठ कर चलवाता था अवैध कॉल सेंटर
Haryana Police SI Dismissed, (आज समाज), पंचकूला: पंचकूला पुलिस कमिश्नर शिबास कविराज की सिफारिश पर जींद के एसपी कुलदीप सिंह ने एक एसआई को नौकरी से निकाल दिया है। सब इंस्पेक्टर सतीश को पंचकूला में साइबर अपराधियों से साठगांठ कर प्रोटेक्शन मनी लेने का दोषी पाया गया है। बर्खास्तगी के समय आरोपी एसआई जींद में तैनात था। जींद के एसपी कुलदीप सिंह ने कहा कि एसआई ने वर्दी की गरिमा को ठेस पहुंचाई।

वह गिरफ्तार किए गए साइबर आरोपियों से अवैध कॉल सेंटर को चलाने के लिए प्रोटेक्शन मनी लेता था। सब इंस्पेक्टर सतीश कुमार वर्ष 2000 में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था। पंचकूला पुलिस कमिश्नर शिबास कबिराज ने बताया कि सब इंस्पेक्टर सतीश के अलावा एक अन्य कर्मचारी सिद्धार्थ का नाम सामने आया है। उसे भी जांच में शामिल किया जाएगा।

पुलिस ने 20 अगस्त 2025 की रात 3 फर्जी कॉल सेंटरों पर की थी रेड

मामले की जानकारी देते हुए पंचकूला के पुलिस कमिश्नर शिबास कबिराज ने बताया है पुलिस ने 20 अगस्त 2025 की रात को 3 फर्जी कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने आईटी पार्क में छापा मारकर 85 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें कॉल सेंटरों के मालिक और कर्मचारी शामिल थे।

डिजिटल उपकरण और कैश किया था बरामद

पुलिस ने कॉल सेंटरों से भारी मात्रा में डिजिटल उपकरण और कैश बरामद किया था। एक कॉल सेंटर से 85 लैपटॉप, 62 मोबाइल फोन और 8 लाख 40 हजार रुपए कैश, दूसरे से 62 लैपटॉप, 60 मोबाइल फोन और 73 हजार 176 रुपए कैश और तीसरे कॉल सेंटर से 18 मोबाइल फोन, 21 सीपीयू, एक लैपटॉप और 3 लाख 20 हजार रुपए कैश जब्त किए गए।

अमेरिका और यूरोप के नागरिकों को शिकार बनाते थे आरोपी

पकड़े गए आरोपी अमेरिका और यूरोप के नागरिकों को अपना शिकार बना रहे थे। टीम ने अब तक 3 कॉल सेंटरों के 10 मालिकों में से 6 को गिरफ्तार कर लिया, जबकि 4 अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। इनसे पूछताछ की गई।

पकड़े गए आरोपियों ने लिया एसआई का नाम

रेड में पकड़े गए लोगों ने बताया था कि वह सब इंस्पेक्टर सतीश कुमार को प्रोटेक्शन मनी देते थे। इसलिए, उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सका। जब सतीश कुमार को जांच में शामिल किया गया तो पता चला कि उनकी तैनाती जींद में है। हालांकि, वह नवंबर 2024 में ही जींद में ट्रांसफर हुए थे।

जांच में दोषी पाया गया सतीश

जानकारी के मुताबिक, सतीश कुमार नवंबर 2024 से पहले पंचकूला के नोडल साइबर थाना में तैनात थे। वह इन अवैध कॉल सेंटरों को संरक्षण देने के लिए प्रोटेक्शन मनी लेते थे। उन पर लगे आरोपों की जांच करते हुए पुलिस ने उन्हें दोषी पाया।