कहा, एक बार फिर से हरियाणा द्वारा 10,300 क्यूसेक पानी मांगना सरासर गलत
Punjab-Haryana Water Dispute (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के बीच जारी पानी विवाद लगातार पेंचीदा होता जा रहा है। एक तरफ जहां पंजाब पिछले कई दिन से हरियाणा द्वारा की जा रही अतिरिक्त पानी की मांग को खारिज करता आ रहा है वहीं गुरुवार को बीबीएमबी की अहम बैठक में एक बार फिर से हरियाणा द्वारा अतिरिक्त पानी की मांग कर दी गई। जिसका पंजाब द्वारा जबरदस्त तरीके से विरोध जताया गया।
इस संबंधी जानकारी देते हुए पंजाब के जल संसाधन और भूमि एवं जल संरक्षण मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने आज बताया कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की आज हुई तकनीकी कमेटी की बैठक के दौरान हरियाणा ने 9,525 क्यूसेक पानी की अपनी मौजूदा असंभव मांग को और बढ़ाकर 10,300 क्यूसेक कर दिया है जिससे सिद्ध होता है हरियाणा पानी के बंटवारे संबंधी बातचीत को और जटिल बना रहा है।
जल विवाद पर हरियाणा किसी निष्कर्ष पर पहुंचने को नहीं तैयार
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हरियाणा की बढ़ती मांग से स्पष्ट होता है कि वह साझे पानी संबंधी हमारी चुनौतियों को किसी निष्कर्ष पर पहुंचाने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की चालों से लगता है कि वह इस मुद्दे को हल ही नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी के चेयरमैन की अध्यक्षता में आज हुई तकनीकी कमेटी की बैठक के दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव कृष्ण कुमार और मुख्य अभियंता शेर सिंह ने पंजाब का प्रतिनिधित्व किया जबकि हरियाणा और राजस्थान के मुख्य अभियंताओं के साथ केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में आॅनलाइन भाग लिया।
पहले हरियाणा ने मांगा था इतना पानी
कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा हरियाणा ने पहले 8500 क्यूसेक पानी की मांग की थी जिसके बारे में हमारी तकनीकी टीम ने पहले ही स्पष्ट रूप से बता दिया था कि इतना पानी प्रदान करना असंभव है लेकिन फिर भी हम मानवता के आधार पर हरियाणा को पहले ही 4 अप्रैल से विशेष रूप से पीने के पानी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए 4 हजार क्यूसेक पानी सप्लाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य द्वारा पहले ही पानी देने संबंधी अपनी सीमाओं के बारे में हरियाणा को अवगत कराया जा चुका है। इसके बावजूद हरियाणा ने 21 मई से 10,300 क्यूसेक पानी की मांग की है, जबकि उनके पिछले लिखित पत्राचार में 9,525 क्यूसेक का अनुरोध किया गया था।
उन्होंने कहा कि पानी की मांग में यह वृद्धि बहुत अधिक और अनुचित है। गोयल ने हरियाणा की मांगों को पूरा करने संबंधी जमीनी हकीकत के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि भाखड़ा मेन लाइन (बीएमएल) की अधिकतम क्षमता 11,700 क्यूसेक है। पंजाब को अपनी महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए कम से कम 3 हजार क्यूसेक की आवश्यकता है। हरियाणा की 10,300 क्यूसेक की मांग से सीधे तौर पर पंजाब में नहर का पानी खत्म ही हो जाएगा।
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