सभी स्थायी और अस्थायी कर्मचारी ले सकेंगे फेस्टिवल एडवांस
Festival Advance, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा की नायब सरकार ने विभिन्न विभागों में कार्यरत ग्रुप डी के स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दिया है। सरकार इन कर्मचारियों को फेस्टिवल एडवांस के तौर पर 13 हजार रुपए का ब्याज मुक्त लोन देगी।
इस इस राशि पर किसी भी तरह का ब्याज नहीं वसूल करेंगी। इस संबंध में मुख्य सचिव और वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आदेश जारी कर दिए है। यह लोन लेने के लिए कर्मचारी को सिर्फ अपने विभाग में एक एप्लिकेशन देनी होगी।
10 किस्तों में लोन करना होगा वापस
सरकार ने साफ किया है कि यह लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी सेवा अगले 10 महीने तक बनी रहने की संभावना है। फेस्टिवल एडवांस लेने के इच्छुक कर्मचारियों को 14 अक्टूबर 2025 तक आवेदन करना होगा। स्वीकृत राशि 17 अक्टूबर तक कर्मचारियों को उपलब्ध करा दी जाएगी ताकि वे दिवाली पर इसका फायदा उठा सकें। कर्मचारी 10 आसान किस्तों में इस लोन को वापस कर सकते हैं।
अस्थायी कर्मचारियों को लोन लेने के लिए देनी होगी गारंटी
ग्रुप-डी के स्थायी कर्मियों को तो ये ब्याज मुक्त लोन आसानी से मिल जाएगा लेकिन सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों के लिए एक अतिरिक्त शर्त रखी है। जिसके तहत उन्हें फेस्टिवल एडवांस तभी मिलेगा जब उनकी गारंटी कोई स्थायी कर्मचारी देगा। वहीं, स्वीकृति और वितरण की पूरी जिम्मेदारी संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारियों की होगी। राशि जारी करना और फिर से जमा करवाना भी इन्हीं की जिम्मेदारी होगी।
सरकार ने तय किए नियम
- अगर पति-पत्नी दोनों ही सरकारी नौकरी में हैं तो इस एडवांस का लाभ केवल एक को मिलेगा।
- अगर किसी अधिकारी ने अयोग्य कर्मचारी को एडवांस दे दिया तो उसकी जिम्मेदारी भी उसी पर होगी और सरकार उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेगी।
- सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर कोई कर्मचारी एडवांस का गलत इस्तेमाल करता है या निर्धारित शर्तों का पालन नहीं करता तो उससे 10 प्रतिशत की दर से दंडात्मक ब्याज वसूला जाएगा।
एडवांस से संबंधित खर्च का महालेखाकार कार्यालय में किया जाएगा हिसाब-किताब
वित्त विभाग ने कहा है कि एडवांस की वसूली का पूरा हिसाब-किताब आहरण एवं संवितरण अधिकारी रखेंगे और हर महीने इसका मिलान महालेखाकार, हरियाणा (लेखा एवं हकदारी), चंडीगढ़ के कार्यालय से किया जाएगा।
सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि इस एडवांस से संबंधित खर्च की जानकारी नवंबर 2025 के अंत तक वित्त विभाग (वेज एंड मीन्स ब्रांच) को निर्धारित प्रपत्र में भेजी जाए।
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