पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, भर्तियों का परिणाम नए सिरे से तैयार करने के दिए निर्देश
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में भर्तियों को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा मे भर्तियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर मिलने वाली नंबरों की अधिसूचना को रद्द कर दिया है। इसका परिणाम यह होगा की अब हरियाणा में भर्तियों में सामाजिक और आर्थिक आधार अतिरिक्त अंक नहीं मिलेंगे। वहीं पूर्व में की गई भर्तियों पर भी यह फैसला लागू होगा। हाईकोर्ट ने पूर्व में की गई भर्तियों की मेरिट लिस्ट दोबारा तैयार करने के निर्देश दिए है।
हाईकोर्ट के इस फैसले से सामाजिक और आर्थिक आधार बोनस अंक लेकर भर्ती हुए युवाओं की नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है। सरकार द्वारा जारी इस अधिसूचना में सामाजिक एवं आर्थिक आधार पर 5 से 10 अंक देने का प्रावधान था। उन उम्मीदवारों को अतिरिक्त 5 से 10 अंक दिए जाते हैं जिनके परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में न और परिवार की आमदनी सालाना 1.80 लाख रुपए से कम हो। सरकार की बोनस अंक को लेकर 11 जून 2019 को अधिसूचना जारी की थी, जिसे अब रद्द कर दिया गया है।
करनाल की अभ्यर्थी मोनिका रमन ने सरकार के फैसले को दी थी चुनौती
यह फैसला जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस मीनाक्षी आई मेहता की खंडपीठ ने सुनाया। इस अधिसूचना को करनाल की अभ्यर्थी मोनिका रमन समेत अन्य ने चुनौती दी थी। कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिन भर्तियों में इन अंकों का लाभ देकर रिजल्ट तैयार किया गया है, उनका परिणाम नए सिरे से तैयार किया जाए। प्रदेश सरकार को यह प्रक्रिया 4 महीने में पूरी करनी होगी।
नौकरी पर मड़राया खतरा
हाईकोर्ट के वकील के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों की नौकरी लगी है, उनकी नौकरी पर खतरा मंडरा गया है। हालांकि अभी सरकारी की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। खट्टर सरकार ने बोनस अंक देने का फैसला किया था। यह फैसला 2021 से लागू हुआ था।
90 में से 90 अंक लेने पर भी नहीं मिली नौकरी
हाईकोर्ट के वकील राजेंद्र सिंह मलिक ने बताया कि 2021 में मोनिका रमन ने याचिका दायर की थी। मोनिका ने बिजली निगम में जूनियर सिस्टम इंजीनियर की भर्ती की लिखित परीक्षा में 90 में से 90 अंक प्राप्त किए, लेकिन उसका सिलेक्शन नहीं हो पाया। इस भर्ती में 146 पोस्टें थी। इसके बाद वह हाईकोर्ट पहुंचीं। याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया। 27 मई 2021 को हाईकोर्ट ने इस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि ये क्राइटेरिया उचित नहीं है।
400 में से 378 पदों पर बोनस अंक प्राप्त करने वालों की हुई नियुक्ति
राजेंद्र मलिक ने बताया कि 2020-21 में 400 सब इंस्पेक्टर की भर्ती निकली थी, इसमें से सिर्फ 22 पोस्टें बिना बोनस अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को मिल पाई। इसमें से 378 पदों पर सामाजिक-आर्थिक आधार पर बोनस अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को सिलेक्ट किया। इसी प्रकार 65 महिला सब इंस्पेक्टर के पदों पर भर्ती निकाली गई, जिनमें से बोनस अंक लेने वाले 62 अभ्यर्थी चुने गए।
सिर्फ तीन ऐसे अभ्यर्थी रहे, जिन्हें बिना बोनस अंक के इस पद का लाभ मिला। इसके अलावा 1100 पदों पर पुलिस विभाग में सिपाही की भर्ती निकाली गई, इसमें सामाजिक-आर्थिक आधार के तहत आने वाले अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ।
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