- मेवात के हैकरों ने उपमंडल की हजारों एकड़ भूमि का अपने नाम पंजीकरण किया, किसानों व प्रशासन के हाथ पैर फुले
- राजस्व विभाग नाम हटाने में जुटा
- मुआवजा, भावांतर योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन बदल रहे हैं मालिक, राजस्व विभाग रिकॉर्ड दुरुस्त करने में जुटा
Charkhi Dadri News(आज समाज नेटवर्क)बाढड़ा। देश सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में किसानों की सुविधाओं में वृद्धि के लिए आरंभ की गई मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल अब किसानों व प्रशासन के गले की फांस बन गया है और मेवात व अन्य जिलों में बैठे हैकरों ने अकेले उपमंडल क्षेत्र में हजारों एकड़ भूमि अपने नाम दर्ज कर ली है और ऑनलाइन पोर्टल पर नुकसान का ब्यौरा या अन्य कोई जानकारी सांझा करने का प्रयास किया जाता है तो गोलमाल व धोखाधड़ी उजागर होती है।राजस्व विभाग ने सारे मामले पर अभी तक हजारों किसानों के गलत धोखाधड़ी तरीके से करवाए गए पंजीकरण रद्द कर रहा है वहीं विभाग ने किसानों से सजगता बरतने व इस प्रकार के मामले सामने आने पर राजस्व विभाग को सूचित कर अपने अपने रिकॉर्ड को दुरुस्त करवाने की अपील की है।
केंद्र व प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र को आधुनिक सिस्टम में तैयार करने के लिए अनेक नई योजनाएं लागू कर रही है जिनमें कुछ किसानों के लिए लाभकारी तो कुछ किसानों के लिए न्यूकसानदायक साबित हो रही। राजस्व व कृषि विभाग द्वारा पहले भूमि को समतल कर सिंचाई सुविधा लागू की वहीं अब कृषि क्षेत्र में किसानों की सुविधाओं में और वृद्धि करने के लिए जमीन की खरीद फरोख्तरिकॉर्ड को कंप्यूटरीकृत करना आरंभ किया गया है तथा पिछले कुछ वर्षों से मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल आरंभ किया गया है जिसमें पंजीकरण कराया जाता है और उसके बाद कृषि क्षेत्र में खाद, उत्पादन व खरीद प्रक्रिया पूरी तरह सरकार के जिम्मे होता है और यह योजना अब देश के अन्य राज्यों की सरकार अपना रही है क्योंकि इसमें खरीद उठान भुगतान निश्चित समय पर संभव है लेकिन अब यह बहुउद्देशीय योजना अब किसानों व प्रशासन के गले की फांस बन गया है क्योंकि पिछले पांच सालों से कम्प्यूटर माफिया कृषि विभाग के पोर्टल में सेंधमारी कर ऑनलाइन रिकॉर्ड में बदलाव कर सरकार के मुआवजे से लेकर भावन्तर योजना की चपत लगाने में जुट गए हैं और मेवात व अन्य जिलों में बैठे हैकरों ने अकेले उपमंडल क्षेत्र में हजा
राजस्व विभाग ने सारे मामले पर अभी तक हजारों किसानों के गलत धोखाधड़ी तरीके से करवाए गए पंजीकरण रद्द कर रहा है
किसान रमेश कुमार, अनिल कुमार, रामसिंह, कमला देवी, नवीन कुमार, होशियार सिंह, अमित कुमार इत्यादि ने बताया कि कंप्यूटर से कृषि विभाग की वेबसाइट हैक कर के उनकी मलकियत पर अपना नाम दर्ज कर विभाग की सजग कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं। बरसात की अधिकता पर पीडि़त किसानों ने प्रभावित फसलों और ऑनलाइन पोर्टल पर नुकसान का ब्यौरा या अन्य कोई जानकारी सांझा करने का प्रयास किया जाता है तो गोलमाल व धोखाधड़ी उजागर होती है जिससे उनकी नींद उड़ गई है और राजस्व विभाग से इस धोखाधड़ी पर लगाम लगाने कई मांग की है। राजस्व विभाग ने सारे मामले पर अभी तक हजारों किसानों के गलत धोखाधड़ी तरीके से करवाए गए पंजीकरण रद्द कर रहा है वहीं अब भी कई हजार भू मालिकों को उनके रिकॉर्ड के साथ की गई धोखाधड़ी उजागर नहीं हो पाई है। राजस्व विभाग के कानूनगो कपूर सिंह ने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल में कई गांव विशेष कर चकबंदी सुविधा वंचित वाले गांवो को सबसे अधिक धोखाधड़ी मामले सामने आए हैं जिसको लेकर एसडीएम ने सभी ऑपरेटरों को शिकायत मिलते ही दुरुस्त करने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है और कोई भी किसान विभाग को जानकारी दे सकता है। विभा
पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों ने भी बकाया जारी करने की मांग की
बाढड़ा: हरपाल भांडवा भाकियू जिला अध्यक्ष चरखी दादरी ने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल का किसान हितैषी बताया जा रहा है परंतु किसान यूनियन पहले ही इसका विरोध कर चुकी है, क्योंकि इसकी खामियां का अनुमान पहले ही लगाया जा रहा था। परिणाम भी उसी अनुसार देखने को मिल रहे हैं । ऑनलाइन पोर्टल पर बिना चकबंदी वाले बाढड़ा के 13 गांव के किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है । इनके अलावा भी जिन लोगों को पोर्टल की अधिक जानकारी नहीं है वो भी इसका शिकार हो रहे हैं,क्योंकि वो जब ऑनलाइन के लिए किसी सीएससी सेंटर से संपर्क करते हैं तो उन्हें बोल दिया जाता है कि आपकी पहले ही ऑनलाइन हो चुकी है। सरकार जल्द इसका स्थाई समाधान करे वरना किसान यूनियन इसका पुरजोर विरोध करेगी।
पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों ने भी बकाया जारी करने की मांग की
सामाजिक कार्यकर्ता मा विनोद मांडी ने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल सुविधा तब कारगर साबित होती जब इसके अनुकूल सुविधाएं भी होती और आमजन को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता। किसानों के साथ ऑनलाइन पोर्टल पर लोहारू और बाढड़ा के किसानों के साथ धोखाधड़ी के अनेक मामले सामने आए हैं। हैकर के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण उनके हौसले और मजबूत हुए हैं। सरकार की पोर्टल में सुधार करना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ साथ प्रभावित किसानों की भरपाई की जानी चाहिए।