(Gurugram News) गुरुग्राम। नगर निगम गुरुग्राम के अतिरिक्त आयुक्त यश जालुका ने मंगलवार को नगर निगम सीमा में स्थित बल्क वेस्ट जनरेटर्स (बीडब्ल्यूजी) के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के तहत बीडब्ल्यूजी की जिम्मेदारियों को स्पष्ट करना और पर्यावरणीय संतुलन को बेहतर बनाने के प्रयासों को गति देना था।अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका ने बताया कि जिन इकाइयों में प्रतिदिन 100 किलोग्राम या उससे अधिक कचरा उत्पन्न होता है अथवा जिनका क्षेत्रफल 5000 वर्ग मीटर या अधिक है, उन्हें बल्क वेस्ट जनरेटर की श्रेणी में रखा गया है।

बीडब्ल्यूजी अपने यहां से निकलने वाले गीले, सूखे और हानिकारक कचरे को अलग-अलग श्रेणियों में प्राथमिक स्तर पर ही अलग कराएं

ऐसे संस्थानों और आवासीय परिसरों के लिए अपने परिसर में ही कचरे का निस्तारण करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बीडब्ल्यूजी अपने यहां से निकलने वाले गीले, सूखे और हानिकारक कचरे को अलग-अलग श्रेणियों में प्राथमिक स्तर पर ही अलग कराएं। गीले कचरे से खाद तैयार कर उसका उपयोग परिसर की हरियाली के लिए करें तथा सूखे व हानिकारक कचरे का निस्तारण अधिकृत रिसायकर्ल एजेंसी के माध्यम से सुनिश्चित करें।

एक अनुमान के अनुसार, नगर निगम गुरुग्राम क्षेत्र में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे में से लगभग 500 टन कचरा बल्क वेस्ट जनरेटर्स द्वारा उत्पन्न किया जाता है। बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त ने इस बात पर जोर दिया कि बीडब्ल्यूजी न केवल कचरे के उचित प्रबंधन को अपनाएं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करें कि जिन एजेंसियों को वे कचरा सौंपते हैं, वे उसका सही और पर्यावरण के अनुकूल निस्तारण कर रही हैं या नहीं। यह नीति मेरा कचरा-मेरी जिम्मेदारी की भावना को सशक्त बनाती है। बैठक के दौरान सेक्टर-47 स्थित पार्क व्यू स्पा सोसाइटी द्वारा किए जा रहे सर्वोत्तम कचरा प्रबंधन की एक वीडियो प्रस्तुति भी दी गई, जिसमें सोसाइटी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया और तकनीकों को दर्शाया गया। अतिरिक्त निगमायुक्त ने अन्य बीडब्ल्यूजी को भी इससे प्रेरणा लेने की सलाह दी।

रेनवाटर हार्वेस्टिंग व प्रॉपर्टी आईडी सेल्फ सर्टिफिकेशन पर भी फोकस

बैठक में हरियाणा बिल्डिंग कोड-2017 के तहत रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को प्रत्येक परिसर में लगाने और उसका समुचित संचालन सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया। श्री जालुका ने कहा कि यह कदम मानसून में जलभराव को कम करने और भूजल स्तर को सुधारने में मददगार साबित होगा। इसके साथ ही उन्होंने सभी प्रतिनिधियों से प्रॉपर्टी आईडी सेल्फ सर्टिफिकेशन कार्य में सक्रिय सहयोग का भी आह्वान किया। नगर निगम गुरुग्राम का यह प्रयास न केवल शहर में कचरा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह नागरिकों और संस्थाओं को जिम्मेदार नागरिकता की ओर प्रेरित करने वाला भी है। बैठक के माध्यम से बीडब्ल्यूजी को स्पष्ट संदेश दिया गया कि वे कचरा प्रबंधन और जल संरक्षण के प्रति गंभीर हों और अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाएं।

Gurugram News : मूलभूत सुविधाओं के लिए सडक़ पर उतरे आरओएफ अमलतास सोसायटी के वासी