हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के बाद एक सप्ताह में दूसरी बार लगा ग्रैप-1

Delhi Pollution News (आज समाज), नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में तीन दिन तक ग्रैप-1 की पाबंदियां हटाने के बाद आखिरकार बुधवार को फिर से इन्हें लागू कर दिया गया। ज्ञात रहे कि केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने हवा में प्रदूषण की मात्रा को देखते हुए पिछले शुक्रवार को इसे लागू किया था लेकिन रविवार को हटा लिया गया था। अब जबकि हवा की हालत फिर से खराब दिखाई दी तो एक बार फिर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का पहला चरण बुधवार से प्रभावी रूप से लागू हो गया है।

केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति की बैठक में वायु गुणवत्ता के पूवार्नुमान को देखते हुए यह फैसला लिया गया। सीएक्यूएम ने लोगों से सिटीजन चार्टर को भी अपनाने के लिए कहा है। आमतौर पर ग्रैप-1 तब लागू किया जाता है, जब शहर का एक्यूआई 200 के पार पहुंच जाता है। बुधवार को दिल्ली का एक्यूआई 213 दर्ज किया गया। ग्रैप-1 लागू होने के बाद होटलों और रेस्तरां में कोयले और लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

हर रोज 11 हजार टन कचरा हो रहा पैदा

वहीं एक हैरानीजनक आंकड़ें के अनुसार राजधानी दिल्ली में हर रोज 11 हजार टन कचरा पैदा हो रहा है। यह कचरा भी दिल्ली की हवा की सेहत खराब करने का मुख्य कारक है। आंकड़ों की बात करें तो इस कचरे में हर रोज 1,100 टन प्लास्टिक कचरा पैदा हो रहा है। इससे दिल्ली के पर्यावरण की सेहत बिगड़ रही है और निगम को इसका निस्तारण करने में मुश्किल हो रही है।

प्लास्टिक कचरे को रोकने के लिए बुधवार को रोहिणी के दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सार्वजनिक स्थानों को प्लास्टिक मुक्त करें जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। दिल्ली से प्लास्टिक कचरा समाप्त करने के लिए एमसीडी ने पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, युवा मामले, खेल मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के साथ जागरूकता अभियान शुरू किया है। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया, दिल्ली रोज 11,000 टन कचरा पैदा करती है, जिसमें 1,100 टन प्लास्टिक होता है।

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