• प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रैप तीन के नियमों की सख्ती से पालना जरूरी
  • वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए आमजन से सहयोग की अपील

GRAP-3 Restrictions (आज समाज) : बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तीसरे चरण को दिल्ली और एनसीआर सहित जिले में भी लागू किया गया है। यह कदम वायु गुणवत्ता को सुधारने और प्रदूषण के दुष्प्रभावों को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। डीसी डॉक्टर वीरेंद्र कुमार दहिया ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर निर्धारित मानकों से अधिक होने से ग्रैप-3 की पाबंदी लागू हो गई है, जिसके लिए हमें प्रदूषण नियंत्रण उपायों को पूरी गंभीरता से अपनाना होगा।

जमीनी स्तर पर मिलकर काम करें

डीसी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्र वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से किए गए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप-3) के तहत संबंधित विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी निकायों, एचएसआईआईडीसी सहित अन्य विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे जिले में बढ़ते प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाएं। सभी विभाग जिले में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक को नियंत्रित रखने के लिए जमीनी स्तर पर मिलकर काम करें।

इन पर रहेगी सख्त पाबंदियां

ग्रैप-3 के तहत सड़कों की मशीनों और वैक्यूम आधारित सफाई, रोजाना पानी का छिड़काव और धूल नियंत्रण सामग्री का प्रयोग करने के साथ-साथ एकत्रित धूल को निर्धारित स्थलों पर निस्तारित करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्माण कार्यों में केवल गैर-प्रदूषणकारी गतिविधियों — जैसे प्लंबिंग, इलेक्ट्रिकल, कारपेंट्री और इंटीरियर फिनिशिंग — की अनुमति दी गई है, जबकि स्टोन क्रेशर और माइनिंग गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए नागरिकों से सहयोग की अपील

डीसी डॉक्टर वीरेंद्र कुमार दहिया ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान को सफल बनाने में भागीदार बनें और सिटीजन चार्टर का पालन करें। उन्होंने कहा कि लोग छोटी दूरी के लिए पैदल चलें या साइकिल का उपयोग करें, यात्रा के दौरान कार शेयरिंग या सार्वजनिक परिवहन अपनाएं। डीसी ने कहा कि हमारी छोटी-छोटी सावधानियां और सामूहिक ही अफने क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा परिवर्तन ला सकती हैं।

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