शिक्षा मंत्री बैंस ने श्री आनंदपुर साहिब के सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे के विकास हेतु 1.49 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन किया

Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़/कीरतपुर साहिब : पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि वर्तमान में सरकारी स्कूलों में करोड़ों रुपये के विकास कार्य प्रगति पर हैं, जो जल्द ही पूर्ण हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए इन स्कूलों को करोड़ों रुपए के और अनुदान भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की शिक्षा नीति का यह परिणाम है कि आज प्रदेश के सरकारी स्कूल शिक्षा के स्तर में प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने श्री आनंदपुर साहिब हलके के सरकारी स्कूलों में 1.49 करोड़ रुपए से अधिक की बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

इन स्कूलों को मिलेगी ग्रांट

इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने पीएम श्री सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मसेवाल में 17 लाख रुपये की लागत वाले विकास कार्यों का उद्घाटन किया। साथ ही, सरकारी प्राइमरी स्कूल, जियोवाल को होलिस्टिक योजना के तहत 40 लाख रुपये प्राप्त हुए; सरकारी प्राइमरी स्कूल, मसेवाल की 7.51 लाख रुपये की लागत से मरम्मत की गई; सरकारी प्राइमरी स्कूल, चीकणा को मरम्मत हेतु 7.64 लाख रुपये, सरकारी प्राइमरी स्कूल, बरूवाल को 7.51 लाख रुपये की मरम्मत राशि, सरकारी प्राइमरी स्कूल, दबूर (लोअर) को चारदीवारी निर्माण हेतु 18 लाख रुपये और मरम्मत हेतु 2.55 लाख रुपये; सरकारी प्राइमरी स्कूल, मझेड़ को चारदीवारी के लिए 60,000 रुपये और मरम्मत के लिए 2.55 लाख रुपये; सरकारी प्राइमरी स्कूल, दबूर (अपर) को चारदीवारी हेतु 2 लाख रुपये और मरम्मत के लिए 2.55 लाख रुपये तथा सरकारी प्राइमरी स्कूल, मोड़ा को चारदीवारी निर्माण हेतु 13.4 लाख रुपये आवंटित किए गए।

आज सुविधाओं से लैस हो रहे सरकारी स्कूल

बैंस ने कहा कि अब सरकारी स्कूल व्यापक सुविधाओं से युक्त हैं, जिनमें सुरक्षा गार्ड, कैंपस प्रबंधन प्रणाली, परिवहन सेवाएं, वाई-फाई कनेक्टिविटी, अत्याधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाएं, श्रेष्ठ पुस्तकालयें, आधुनिक फर्नीचर, समर्पित स्टाफ रूम, विशाल कक्षाएं, प्रशासनिक कार्यालय, पहुंच के लिए रैंप और बहुत कुछ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जो सुविधाएं पहले केवल निजी या मॉडल स्कूलों तक सीमित थीं, अब वे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए भी उपलब्ध हैं, जो सरकारी और निजी शिक्षा के बीच की खाई को दूर कर रही हैं।

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