स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट समेत तीन डाक्टर किए निलंबित, एक हाउस सर्जन बर्खास्त
Jalandhar Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। जालंधर सिविल अस्पताल में पिछले दिनों आईसीयू में भर्ती तीन मरीजों की आॅक्सीजन बाधित होने से मौत हो गई थी। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने उसी दिन इस घटना की जांच के आदेश दे दिए थे। जिसके बाद उस दर्दनाक घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और सीनियर मेडिकल अफसर समेत तीन डाक्टरों को निलंबित एवं एक हाउस सर्जन को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं। इन अधिकारियों की गंभीर लापरवाही के कारण आक्सीजन आपूर्ति में बाधा आई, जिससे कई गंभीर मरीजों की मृत्यु हो गई।
इन मेडिकल अधिकारियों पर गिरी गाज
निलंबित किए गए अधिकारियों में मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. राज कुमार, सीनियर मेडिकल अफसर डा. सुरजीत सिंह, आन ड्यूटी कंसल्टेंट एनेस्थीसिया डा. सोनाक्षी शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि इन तीनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है और घटना की विस्तृत जांच जारी है, जिसके आधार पर यदि आरोप सिद्ध हुआ, तो इन्हें सेवा से स्थायी रूप से बर्खास्त किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में ये किसी भी सेवा लाभ के पात्र नहीं होंगे।
इसके साथ ही, ड्यूटी के प्रति घोर लापरवाही के चलते हाउस सर्जन डा. शमिंदर सिंह को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। अस्पताल के आक्सीजन प्लांट में तकनीकी खराबी के कारण रविवार शाम को आक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे तीन गंभीर मरीजों की मौत हो गई।
अस्पताल में मौजूद थी सुविधाएं
मंत्री ने बताया कि प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि यह घटना पूरी तरह प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुई, जबकि अस्पताल में पर्याप्त बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन और चार आक्सीजन स्रोत उपलब्ध थे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में दोहरी कंप्रेसर युक्त पीएसए आॅक्सीजन प्लांट, 18-20 सिलेंडरों वाला मैनिफोल्ड सिस्टम, और एक तरल मेडिकल आक्सीजन प्लांट मौजूद है, जो चार स्तरीय बैकअप प्रदान करता है। इसके बावजूद आक्सीजन प्रेशर में भारी गिरावट आना ड्यूटी स्टाफ की घोर गैर-जिम्मेदारी को दर्शाता है।
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