गोवर्धन महाराज की आरती करने से जीवन के सभी संकट होते है दूर
Govardhan Ji Ki Aarti, (आज समाज), नई दिल्ली: आज गोवर्धन पूजन किया जाएगा। इस दौरान लोग गाय को गोबर से गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं। गोवर्धन पूजा बिना आरती के अधूरी मानी गई है। अगर आप इस पूजन के बाज गोवर्धन जी की आरती करते हैं, तो आपके परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं गोवर्धन पूजा की आरती।

गोवर्धन जी की आरती

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।

तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,

तोपे चढ़े दूध की धार।

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।

तेरी सात कोस की परिकम्मा,

और चकलेश्वर विश्राम

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।

तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,

ठोड़ी पे हीरा लाल।

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।

तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,

तेरी झांकी बनी विशाल।

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।

गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण।

करो भक्त का बेड़ा पार

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।

गोवर्धन महाराज की जयङ्घ भगवान कृष्ण की जयङ्घ मानसी गंगा की जयङ्घ राधा कुंड की जयङ्घ कृष्ण कुंड की जयङ्घ

गोवर्धन महाराज की आरती के बाद तुलसी जी की आरती जरूर करनी चाहिए.

तुलसी माता की आरती

जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।

मैय्या जय तुलसी माता।।

सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥

मैय्या जय तुलसी माता।।

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