भगवान कृष्ण और गौमाता की पूजा करने का है विधान
Gopashtami, (आज समाज), नई दिल्ली: आज कार्तिक मास की अष्टमी तिथि है। आज के दिन गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण और गौमाता की पूजा की जाती है। यह भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की घटना से संबंधित है। इस दिन रवि योग और शिववास योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं। इन शुभ योगों में पूजा करने से साधकों को मनचाहा वरदान और अक्षय फल मिलता है।
आज के दिन देवराज इंद्र ने हार कर ली थी स्वीकार
सनातन शास्त्रों में निहित है कि स्वर्ग नरेश इंद्र के अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। इस मुद्रा में भगवान कृष्ण सात दिनों तक रह गए थे। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर स्वर्ग नरेश ने हार स्वीकार कर ली थी। आइए, गोपाष्टमी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं।
गोपाष्टमी तिथि और मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर रवि योग का संयोग बन रहा है। रवि योग का संयोग सुबह 06 बजकर 33 मिनट से बन रहा है। वहीं, समापन 31 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 32 मिनट पर होगा। ज्योतिष रवि योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान कृष्ण की पूजा करने से आरोग्यता का वरदान मिलेगा। साथ ही हर मनोकामना पूरी होगी।
शिववास योग
गोपाष्टमी के दिन शिववास योग का भी संयोग है। शिववास योग बेहद दुर्लभ संयोग माना जाता है। इस योग में पूजा करने से साधक को यथाशीघ्र शुभ फल मिलता है। शिववास योग का संयोग सुबह 10 बजकर 06 मिनट से हो रहा है। इस समय भगवान शिव कैलाश पर देवी मां पार्वती के साथ रहेंगे। इस दौरान भगवान कृष्ण और गौमाता की पूजा करने से साधक को अक्षय फल मिलेगा।
पंचांग
- सूर्योदय- सुबह 06 बजकर 32 मिनट से
- सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 37 मिनट तक
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 37 मिनट से 06 बजकर 03 मिनट तक
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक।