मूक-बधिर और श्रवण बाधित व्यक्तियों को मिलेगा लाभा
Google AI (आज समाज) नई दिल्ली: गूगल ने साइन लैंग्वेज को टेक्स्ट में बदलने वाला नया एआई मॉडल पेश किया है। यह तकनीक दिव्यांगजन, विशेष रूप से मूक-बधिर समुदाय के लिए संचार को आसान और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। जिससे उन्हें दूसरों से संवाद करने में मदद मिलेगी। गूगल ने हाल ही में आयोजित अपने वार्षिक इवेंट Google I/O 2025 में SignGemma नामक एक उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल की घोषणा की है, जो साइन लैंग्वेज को टेक्स्ट में बदलने में सक्षम है। यह तकनीक विशेष रूप से मूक-बधिर और श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिए डिजाइन की गई है।

सबसे उन्नत साइन लैंग्वेज समझने वाला मॉडल

गूगल के मुताबिक, SignGemma अब तक का उनका सबसे उन्नत साइन लैंग्वेज समझने वाला मॉडल है। कंपनी इसे एक ओपन मॉडल के तौर पर तैयार कर रही है, जिससे डेवलपर्स और शोधकर्ता इसमें भागीदारी कर सकें और इसे और बेहतर बना सकें। Gemma प्रोडक्ट मैनेजर गस मार्टिन्स ने बताया कि यह मॉडल विभिन्न प्रकार की साइन लैंग्वेज को समझने में सक्षम है, लेकिन अभी यह अमेरिकी साइन लैंग्वेज (ASL) और अंग्रेजी के साथ सबसे बेहतर प्रदर्शन करता है।

दिव्यांगजनों आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी तकनीक

उन्होंने कहा कि SignGemma को सटीक और रीयल-टाइम अनुवाद के लिए तैयार किया गया है। हमें उम्मीद है कि यह तकनीक मूक-बधिर समुदाय के लिए नई संभावनाएं खोलेगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।DeepMind की ओर से X (पहले ट्विटर) पर किए गए एक आधिकारिक पोस्ट में कहा गया कि हम SignGemma के लॉन्च की घोषणा करते हुए उत्साहित हैं। यह तकनीक दुनिया भर के मूक-बधिर समुदायों के अनुभवों, जरूरतों और सुझावों से प्रेरित होकर विकसित की जा रही है।