हथिनीकुंड बैराज पर यमुना के जलस्तर में आई गिरावट
Haryana Flood Situation, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा में बारिश के कारण उफान पर आई घग्घर और मारकंडा नदी अब भी डेंजर लेवल से ऊपर बह रहीं है। वहीं हथिनीकुंड बैराज पर यमुना के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। मारकंडा नदी के जलस्तर में भी गिरावट आई है, लेकिन नदी अभी भी खतरे के निशान से 0.15 मीटर ऊपर बह रही है। मारकंडा नदी में जलस्तर बढ़ने पर कई गांवों में बाढ़ के हालात बने हुए है। फसलें तबाह हो चुकी है। पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है।
वहीं घग्घर नदी के पानी ने भी कई गांवों में उत्पात मचाया हुआ है। कैथल में घग्गर के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। आज घग्गर का जलस्तर 23.4 फीट तक पहुंच गया है, जो डेंजर पॉइंट से 4 इंच ज्यादा है। शिक्षण संस्थानों में छुट्टियां की गई है। वहीं, घग्गर के साथ लगते गांवों में 24 घंटे के लिए जेसीबी व अन्य मशीनों पहुंचा दी गई हैं। कई जगह ओवरफ्लो होकर खेतों में पानी जाने लगा है। हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर 1 लाख क्यूसेक से नीचे आ गया है। इस कारण फ्लड गेट डाउन किए गए हैं। हरियाणा में बारिश और नदियों के ओवरफ्लो होने से 2,748 गांव प्रभावित हैं।
हिसार में बारिश से 276 गांव में फसलें तबाह
हरियाणा के हिसार में बारिश के कारण 276 गांव में फसलें तबाह हो चुकी है। गांवों में घुटनों से लेकर कमर तक पानी खड़ा हो गया है। सरकार ने भी 276 गांवों के किसान के लिए ई-क्षति पोर्टल खोल दिया है।
मारकंडा नदी में बह रहा 30 हजार 445 क्यूसेक पानी
कुरुक्षेत्र के शाहबाद में सुबह करीब साढ़े 5 बजे मारकंडा में 30 हजार 445 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। रात तक पानी और कम होने के आसार हैं। गेज रीडर रविंद्र के मुताबिक, मारकंडा नदी से 5 से 6 सितंबर सुबह 5 बजे तक 6 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी कम हुआ है।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर, नाहन और काला अंब में बारिश नहीं हुई तो मारकंडा का पानी धीरे-धीरे कम होने लगेगा। बीती रात 10 बजे तक नदी में 32 हजार 841 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया था। करीब 8 घंटे में 2400 क्यूसेक पानी कम हुआ है।
कुरुक्षेत्र में 22 हजार एकड़ से ज्यादा फसलें प्रभावित
खेत में मारकंडा का पानी खड़ा रहने से खेत दलदल बन चुके हैं। अभी 2 दिन में पानी कम होने के आसार है। जिला कुरुक्षेत्र में 22 हजार एकड़ से ज्यादा में फसलें प्रभावित हुई हैं। इनमें 5 हजार से ज्यादा एकड़ में फसलें पूरी तरह से डूब चुकी है।
सबसे बड़ी चिंता इस्माइलाबाद के नैसी गांव के टूटे तटबंध की है। यहां 2 जगह से तटबंध पहले ही क्षतिग्रस्त था, जिसे रिपेयर नहीं किया जा सका। 4 सितंबर की रात को तीसरी जगह से टूटे तटबंध से निकला पानी अंबाला के गांवों तक पहुंच गया है।
सिरसा में घग्घर नदी पर बने पुल का हिस्सा गिरा, 20 गांवों का संपर्क टूटा
सिरसा जिले के झोड़नाली गांव में घग्घर नदी के पुल का हिस्सा गिर गया।, जिस कारण 20 गांवों के लोगों की कनेक्टिविटी खत्म हो गई। शुक्रवार रात से ही यह रास्ता बंद है। यह इकलौता रास्ता था, जो झोड़नाली सहित 20 गांवों को सिरसा से जोड़ता था।
पूर्व सरपंच हरनाम सिंह ने बताया कि ये पुल हमने 10-10 पैसे भी इकट्ठे करके बनाया था। पुल पर करीब 40 लाख रुपए तक पैसा लगा था। साल 2000 में यह पुल बनाया था। किसी सरकार ने सहायता नहीं की थी। जो भी अब नुकसान हुआ है, इसकी भरपाई गांववासियों को दुख है।
सीएम नायब सैनी आज कुरुक्षेत्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का करेंगे दौरा
वहीं, आज सीएम नायब सैनी कुरुक्षेत्र के पिहोवा, झांसा, शाहाबाद और लाडवा में जलभराव से प्रभावित एरिया का जायजा लेंगे। सीएम 1 बजे के बाद सबसे पहले पिहोवा पहुंचेंगे और जायजा लेंगे। उसके बाद झांसा, शाहाबाद और लास्ट में लाडवा जाएंगे।
जींद में 20 से ज्यादा गांवों की फसलें डूबी, पशुओं को लेकर हरियाणा की ओर आ रहे पंजाब के लोग
बारिश के कारण जींद जिले के 20 से ज्यादा गांवों की फसलें डूबी हैं। डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा, उचाना विधायक देवेंद्र अत्री समेत भाजपा नेताओं के साथ-साथ प्रशासन फील्ड में उतरा हुआ है। पानी निकासी के प्रयास किए जा रहे हैं। नरवाना क्षेत्र के भिखेवाला गांव में खेतों में सैकड़ों एकड़ में पानी भरा हुआ है। खेतों से पानी आबादी की तरफ बढ़ने लगा है। ग्रामीणों ने पानी को रोकने के लिए मिट्टी से तटबंध बनाए हैं।
वहीं शुक्रवार शाम को आई बारिश के बाद बुआना गांव में मकान गिर गया। इसमें किसी को चोट नहीं आई लेकिन घर के सामान का नुकसान हो गया। वहीं दूसरी तरफ पंजाब में बाढ़ के बाद वहां से पशुओं को लेकर लोग हरियाणा की तरफ आ रहे हैं। जींद में दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे तथा 152-डी के फ्लाईओवर के नीचे ये लोग अपना अस्थायी बसेरा बना रहे हैं, ताकि वहां पानी उतरने के बाद वापस लौट सकें।
बहादुरगढ़ में बुलानी पड़ी सेना
बहादुरगढ़ के छोटूराम नगर और विवेकानंद नगर में गंदे पानी से घिरे 5 हजार लोगों की मदद के लिए शुक्रवार को सेना बुलानी पड़ी। सोनीपत, दिल्ली व बहादुरगढ़ में बरसाती पानी की निकासी के लिए बनी मुंगेशपुर ड्रेन 7 दिन से ओवरफ्लो है। पिछले 4 दिन में हुई भारी बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए।
लोग घरों में कैद हैं। स्कूलों में छुट्टी है। गलियां पानी से डूबी हैं। लोग जुगाड़ की नाव बनाकर इधर-उधर जा रहे हैं।
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता इशान सिवाच बताते हैं कि मुंगेशपुर ड्रेन की क्षमता 2680 क्यूसिक है, जबकि इसमें 3500 क्यूसिक से ज्यादा पानी बहने से ओवरफ्लो हुई। बहादुरगढ़ में ड्रेन की लंबाई साढ़े 5 किलोमीटर है। अब सेना की एक कंपनी हिसार कैंट से बुलाई गई है। जल्द ही जलभराव की स्थिति से निपट लिया जाएगा।
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