आरबीआई गवर्नर ने विपरीत हालात में भारतीय अर्थव्यवस्था के गतिमान रहने की संभावना जताई
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वारा लागू किए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के बावजूद आरबीआई ने जीडीपी में वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत की दर से होने का अनुमान जताया है। हालांकि आरबीआई ने पहले इसके 6.5 रहने की संभावना जताई थी। इस संबंध में जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं एक तो इस बार मानसून उम्मीद से अच्छा बरसा है दूसरा सरकार द्वारा जीएसटी की नई दरों को लागू करने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को आने वाले दिनों में बूस्ट मिलना तय है। यही कारण है कि पहले जीडीपी की विकास दर का 6.5 प्रतिशत का अनुमान अब 6.8 प्रतिशत कर दिया गया है।
आरबीआई ने यह अनुमान लगाया
मल्होत्रा ने कहा कि अगले वर्ष की पहली तिमाही के लिए वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 26 के लिए भारत की तिमाही जीडीपी वृद्धि दर पहली तिमाही में 7.8%, दूसरी तिमाही में 7%, तीसरी तिमाही में 6.4% और चौथी तिमाही में 6.2% रहने का अनुमान लगाया है। फरवरी से अब तक कुल 100 आधार अंकों की कटौती के बाद, केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को 5.5% पर अपरिवर्तित रखा। अगस्त में हुई पिछली एमपीसी बैठक में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था।
मुद्रास्फीति की दर में आई कमी
महंगाई के बारे में बोलते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार को कहा कि मुद्रास्फीति में कमी आई है और वित्त वर्ष 2026 में इसके और कम होने की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर के अनुसार जीएसटी दरों में कटौती, खाद्य कीमतों पर अनुकूल दृष्टिकोण और आपूर्ति की बेहतर संभावनाओं महंगाई को नियंत्रित रखने में मदद मिली है। हालांकि एमपीसी ने आगाह किया है कि भू-राजनीतिक तनाव और टैरिफ-संबंधी व्यापार व्यवधान महंगाई के प्रति दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकते हैं। वित्त वर्ष 2026 के लिए आरबीआई ने मुख्य मुद्रास्फीति 2.6% रहने का अनुमान लगाया है।