- मिट्टी से बनो, मिट्टी में मिलो और प्रकृति को प्रदूषण से बचाओ का दिया संदेश
Ganesh Visarjan(आज समाज) जींद। मोतीलाल नेहरू पब्लिक विद्यालय की प्राथमिक विभाग में गणेश विसर्जन का कार्यक्रम बड़े ही श्रद्धा, उल्लास और पर्यावरण के प्रति सजग दृष्टिकोण के साथ संपन्न हुआ। विद्यालय प्रशासन ने इस बार पारंपरिक तरीके से हटकर पर्यावरण, संरक्षण को केंद्र में रखते हुए गणपति बप्पा का विसर्जन किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था धार्मिक आस्था के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संतुलन बनाए रखना। शिक्षकों ने नन्हे-मुन्ने बच्चों को यह संदेश दिया गया कि भगवान गणेश की पूजा सिर्फ आस्था का प्रतीक नही बल्कि स्वच्छ, हरित और संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा भी है।
गणपति बप्पा की प्रतिमा मिट्टी की बनी हुई
नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पारंपरिक वेशभूषा में सुंदर प्रस्तुतियां दी। बच्चों ने नृत्य, भजन, श्लोक पाठ और लघु नाटक प्रस्तुत करके यह दिखाया कि किस प्रकार पूजा-पाठ के साथ हमें पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए। गणपति बप्पा की प्रतिमा मिट्टी की बनी हुई थी और उसमें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया गया थाए ताकि विसर्जन के समय जल प्रदूषण न हो। नन्हे-मुन्ने बच्चों ने गणपति बप्पा को जयकारों के साथ विदाई दी।
विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष संदीप दहिया एवं प्राचार्य रविंद्र कुमार ने नन्हे मुन्ने बच्चों को अपने संबोधन में कहा कि गणपति बप्पा हमें ज्ञान, बुद्धि और विवेक का मार्ग दिखाते हैं। जब हम उनके विसर्जन को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से करते हैं तो हम आने वाली पीढिय़ों को यह संदेश देते हैं कि धर्म और प्रकृति का गहरा संबंध है।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास
हमारे विद्यालय ने सदैव पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया है और यह कार्यक्रम उसी दिशा में एक सशक्त कदम है। नन्हे-मुन्ने बच्चों में बचपन से ही प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता जाग्रत करना जरूरी है। यही बच्चे कल समाज को सही दिशा देंगे। यदि पूजा, पाठ और धार्मिक गतिविधियां पर्यावरण संरक्षण के साथ जुड़ जाएं तो हमारा समाज और अधिक संतुलित और समृद्ध होगा। नन्हे-मुन्ने बच्चों ने इस कार्यक्रम में गणपति बप्पा मोरया के नारों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
बच्चों को पर्यावरण मित्र गणेश प्रतिमा बनाने की कार्यशाला कराई
उन्होंने मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाई और इस प्रतिमा का संदेश था मिट्टी से बनो, मिट्टी में मिलो और प्रकृति को प्रदूषण से बचाओ। इस कार्यक्रम की देखरेख प्राथमिक विभाग की कोऑर्डिनेटर पूजा पसरीजा द्वारा की गई। उन्होंने बच्चों को पर्यावरण मित्र गणेश प्रतिमा बनाने की कार्यशाला कराई और विसर्जन के समय भी बच्चों को समझाया कि गणपति बप्पा की विदाई सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नही है, यह प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का भी अवसर है।