- प्रधानमंत्री क्रोएशिया रवाना
Kananaskis Canada G7 Summit, (आज समाज), ओटावा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना कनाडा दौरा पूरा करने के बाद विदेश दौरे के अंतिम पड़ाव क्रोएशिया रवाना हो गए हैं। कनाडा में वह जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान कई विश्व नेताओं से मिले और द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। पीएम ने जी7 आउटरीच सत्र को भी संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने वैश्विक नेताओं को आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख से भी अवगत कराया।
आतंकवाद के समर्थक देशों को जवाबदेह ठहराया जाए
प्रधानमंत्री ने जी7 के नेताओं के साथ बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई को गति देने का आग्रह किया और साथ ही इसे बढ़ावा व समर्थन देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया। जी7 आउटरीच सत्र में संबोधित करते हुए पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
आतंकवाद को सुपोर्ट करने वालों को इसकी कीमत चुकानी होगी
प्रधानमंत्री ने कहा, वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए हमारी सोच व नीति स्पष्ट होनी चाहिए। यदि कोई देश आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी के हवाले से कहा कि कनाडा के कनानास्किस में आयोजित जी7 समिट के दौरान वैश्विक समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में उनकी व्यापार, निवेश, आतंकवाद-रोधी और वैश्विक चुनौतियों जैसे कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्यांग के साथ उनकी बहुत अच्छी बैठक हुई और दोनों देश व्यापार और वाणिज्य, निवेश, प्रौद्योगिकी, हरित हाइड्रोजन और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए।
क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा : विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापार और अर्थव्यवस्था, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, हरित हाइड्रोजन, जहाज निर्माण, संस्कृति और पी2पी के क्षेत्रों में साझेदारी के माध्यम से सहयोग के नए रास्ते तलाश कर भारत-दक्षिण कोरिया विशेष रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। जायसवाल ने बताया कि उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।
फ्रांस के राष्ट्रपति व ब्रिटिश प्रधानमंत्री से भी मिले पीएम
पीएम मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी मुलाकात की और कहा कि अपने मित्र के साथ बातचीत करने से हमेशा खुशी होती है। पीएम व मैक्रों ने कई मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने एक्स पर कहा, भारत और फ्रांस हमारे ग्रह की बेहतरी के लिए मिलकर काम करते रहेंगे। पीएम मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से भी बातचीत की। मोदी ने एक्स पर कहा, प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक असाधारण बातचीत! भारत और ब्रिटेन के संबंध मजबूत हो रहे हैं, जो व्यापार और वाणिज्य जैसे क्षेत्रों में हमने जो प्रगति की है, उसमें झलकता है। हम इस अद्भुत मित्रता को और भी गति देने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी से भी मिले पीएम
मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी से भी मुलाकात की, जिन्होंने कहा कि इटली और भारत एक महान मित्रता से जुड़े हुए हैं। मोदी ने एक्स पर कहा, इटली के साथ भारत की मित्रता मजबूत होती रहेगी, जिससे हमारे लोगों को बहुत लाभ होगा! उन्होंने मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम पार्डो से भी मुलाकात की और वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं सहित प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा किए।
भारत-मेक्सिको के बीच और मजबूत होंगे संबंध
विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति शीनबाम ने प्रौद्योगिकी, नवाचार और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में भारत की प्रगति की सराहना की और इन क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग की इच्छा व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि भारत और मेक्सिको के बीच बढ़ते व्यापार और निवेश सहयोग के बीच संबंध और मजबूत होंगे। दोनों देशों को सेमीकंडक्टर, एआई, क्वांटम और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशनी चाहिए।
समिट में अंतरराष्ट्रीय विकास पर भी विचारों का आदान-प्रदान
पीएम ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ से भी मुलाकात की और व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, हरित ऊर्जा और प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी की भारत के साथ एकजुटता की मजबूत अभिव्यक्ति और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसके कार्यों के लिए समर्थन के लिए चांसलर मर्ज़ को धन्यवाद दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है। यहां जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान मिले दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। मई 2025 में चांसलर मर्ज़ के पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी।
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