- समाधान प्रकोष्ठ बैठक में प्रदेश के जिलों के सभी विभागों को सख्त निर्देश, त्वरित कार्रवाई ही सर्वोच्च प्राथमिकता
Haryana News, (आज समाज), चण्डीगढ़ : शुक्रवार को आयोजित समाधान प्रकोष्ठ की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में वर्चुअल रूप से हरियाणा सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव जी. अनुपमा, (आईएएस) ने प्रदेश के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि “जनता की शिकायतों को फाइलों में न दबने दें, त्वरित निस्तारण ही सर्वोच्च प्राथमिकता” होनी चाहिए। शुक्रवार को समाधान प्रकोष्ठ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आधारित साप्ताहिक समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारी शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य जनता समाधान शिविरों में दर्ज शिकायतों की प्रगति, निस्तारण की गति तथा विभागवार जिम्मेदारियों की समीक्षा करना था।
जनता की शिकायतें इंतजार नहीं कर सकतीं
अतिरिक्त मुख्य सचिव जी.अनुपमा का सख्त निर्देश था कि अधिकारी “ शिकायतों को टेबल पर मत रखे, तुरंत उनका हल करें”। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि “जनता की शिकायतें इंतजार नहीं कर सकतीं। सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी शिकायत को अनावश्यक रूप से पेंडिंग न रखा जाए। समस्याओं को टेबल पर रखने की आदत अब खत्म होनी चाहिए। जो भी शिकायत आए — उसी दिन संज्ञान लें, कार्रवाई शुरू करें और समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें।”
लोग सरकार पर भरोसा करके दर्ज कराते हैं शिकायत
उन्होंने स्पष्ट कहा कि समाधान प्रकोष्ठ का उद्देश्य जनता का विश्वास बढ़ाना है और इसके लिए पारदर्शिता तथा त्वरित कार्रवाई अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि लोग सरकार पर भरोसा करके शिकायत दर्ज कराते हैं। यदि समस्या का समाधान नहीं होगा तो यह हमारी प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़ा करेगा। उन्होंने कहा नगर निगम से जुड़ी कोई भी शिकायत लंबित नहीं रहने दी जाएगी। हम हर शिकायत को प्राथमिकता पर लेकर उसका शीघ्र समाधान सुनिश्चित करेंगे। जनता को यह महसूस होना चाहिए कि उनकी आवाज सच में सुनी जा रही है।
देरी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी
अधिकारियों को निर्देश दिए कि फील्ड स्तर पर कार्यवाही में और गति लाएँ। उन्होंने कहा ग्राम स्तर की समस्याएँ सीधे जनता के जीवन से जुड़ी होती हैं। इसलिए देरी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी अधिकारी समस्या का समाधान करने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। पुलिस विभाग से संबंधित शिकायतों की समीक्षा की और पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी शिकायत को हल्के में न लें। उन्होंने कहा पुलिस विभाग आम लोगों की सुरक्षा, न्याय और भरोसे से जुड़ा हुआ है। इसलिए प्राप्त शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करना हमारी कानून व्यवस्था की पहली जिम्मेदारी है।
मरीज को इधर-उधर भटकने की नौबत नहीं आनी चाहिए
स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी शिकायतों की समीक्षा करते हुए सभी चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट, सख्त और प्रेरक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि “स्वास्थ्य से जुड़ी हर शिकायत जीवन से जुड़ी होती है। ऐसे में देरी की कोई गुंजाइश नहीं रहती। सभी अस्पताल, उप-स्वास्थ्य केंद्र और फील्ड स्टाफ यह सुनिश्चित करें कि मरीज की समस्या पर फौरन कार्रवाई शुरू हो और समाधान समय पर मिले।
मरीज को इधर-उधर भटकने की नौबत नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जनता के सबसे करीब है। हमारी एक छोटी सी लापरवाही भी किसी परिवार के लिए बड़ी परेशानी बन सकती है। इसलिए हर अधिकारी और कर्मचारी काम की गति में तेजी लाए, जिम्मेदारी से काम करे और यह साबित करे कि स्वास्थ्य सेवाएँ वास्तव में ‘जन सेवा’ का सबसे बड़ा माध्यम हैं।
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