जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर बीमा कंपनी से लिया क्लेम
Nuh News (आज समाज) नूंह : हरियाणा के नूंह में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिन किसानों के नाम जमीन ही नहीं उन किसानों के नाम 50 से 100 एकड़ तक जमीन दिखाकर बीमा कंपनी से लाखों रुपए का क्लेम लिया गया। जब घोटाला पकड़ में आया तो जांच एजेंसी की सिफारिश पर काफी किसानों की पेमेंट रोक दी गई। नूंह सदर थाने के जांच अधिकारी एएसआई कमल सिंह ने बताया कि आर्शिदा, जाहिदा, रमजानों, जाफिर और मुबीन खान के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

इसमें मुबीन खान पॉलिसी क्रिएटर है, जबकि शेष को किसान दर्शाया गया है। जांच अधिकारी ने बताया कि अभी मामले की जांच की जा रही है। प्राप्त जानकारी अनुसार 2022-23 में रबी की फसल का बीमा बजाज एलियांज कंपनी ने किया था। यह बीमा दो तरह से किया गया। पहला फसल खराबे का और दूसरा एक्सपेरिमेंट बेस्ड यानि फसल प्रयोग या उत्पादन आधारित। साजिशकर्ताओं ने ऐसे किसानों के फर्जी दस्तावेज तैयार किए, जिनके नाम एक इंच भी खेती योग्य जमीन नहीं।

50-60 हेक्टेयर तक के फर्जी दस्तावेज किए तैयार, 27 लाख रुपए का लिया क्लेम

इसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है। मुआवजा हेक्टेयर में दिया जाना था। इसलिए आरोपियों ने 15 से लेकर 50-60 हेक्टेयर तक के फर्जी दस्तावेज तैयार कर मुआवजे के लिए क्लेम कर दिया। क्लेम न सिर्फ पास हुआ, मुआवजा राशि भी आ गई। आरोपियों ने बीमा कंपनी ने को-आॅपरेटिव बैंक के माध्यम से लाभार्थी फर्जी किसानों के खातों में हस्तांतरित कर दिया। बैंक खातों से पैसा निकालकर फर्जी किसान और आरोपी डकार गए। पिछले महीने तीन फर्जी किसानों के खाते में करीब साढ़े 27 लाख रुपए की राशि भी जारी हो चुकी है।

सीएम फ्लाइंग ने पकड़ा घोटाला

बैंक में फसल बीमा क्लेम का पैसा हस्तांतरित हुआ तो जांच एजेंसियों को शक हुआ। इस पूरे मामले की जांच सीएम फ्लाइंग गुरुग्राम टीम में सब इंस्पेक्टर रहे मदन सिंह (अब इंस्पेक्टर) ने की। नूंह, पुन्हाना व पिनगवां में छह फर्जी किसानों के नाम 52 एंट्री पकड़ी गई हैं।

डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है घोटाला

सीएम फ्लाइंग स्क्वायड की प्राथमिक जांच में घोटाला डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक का होना पाया गया है। अभी 919 संदिग्ध एंट्री बताई जा रही हैं। प्राथमिक तौर पर पूरे मामले की जांच सिर्फ ऐसे किसानों को लेकर हुई, जिनके खाते में 10 लाख रुपए से ज्यादा की राशि हस्तांतरित हुई। इस मामले का खुलासा करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि जांच प्रक्रिया बहुत लंबी है। इसे पूरा करने में महीनों लग सकते हैं।

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