शहीद दलबीर सिंह राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल से प्राप्त की थी प्रारंभिक शिक्षा
Satyapal Malik Haryana Connection (आज समाज) चरखी दादरी: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। दोपहर 1:12 बजे दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल उन्होंने अंतिम सांस ली। सत्यपाल मलिक लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। 11 मई को हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

वे जम्मू-कश्मीर, बिहार, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे। 2018 में ओडिशा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। सत्यपाल 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे। इन्हीं के कार्यकाल के दौरान ही आज ही के दिन 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया गया था।

दादरी में बीता बचपन

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का हरियाणा के दादरी से गहरा नाता था। वह दादरी के भांजे थे। उनका बचपन यहीं बीता था। इतना ही नहीं, प्रारंभिक पढ़ाई भी उन्होंने शहीद दलबीर सिंह राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल से की थी। सत्यपाल मलिक की माता जुगनी देवी दादरी से थीं। इसके चलते बचपन, जवानी और वृद्धावस्था में उनका दादरी आना रहा।

चार बार आए बाबा स्वामी दयाल धाम

फोगाट खाप प्रधान सुरेश फोगाट ने बताया कि सत्यपाल मलिक चार बार बाबा स्वामी दयाल धाम पर आए। अंतिम बार वो 15 जनवरी 2024 को दादरी आए थे। इससे पहले वो 2 जनवरी 2022 को बाबा स्वामी दयाल धाम पर भी पहुंचे थे। उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन किया था और फोगाट खाप की ओर से उस दौरान उन्हें सम्मानित भी किया गया था।

खाप परंपरा के पक्षधर थे सत्यपाल मलिक

सत्यपाल मलिक खाप परंपरा के पक्षधर थे। वो मानते थे कि खापों की समाज निर्माण में अहम भूमिका है। उनका मानना था कि खाप पंचायतों ने समाज में मान-मर्यादा और भाईचारे की भावना को कायम रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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