भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को किया बड़ा खुलासा

Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : मौजूदा वैश्विक परिदृश्य और टैरिफ के चलते भारत के लिए आने वाला कुछ समय आर्थिक तौर पर कुछ चुनौतीपूर्ण होने वाला है। लेकिन भारत जल्द ही इस चुनौती से बाहर निकलते हुए अपनी विकास दर को बनाए रखने में सफल होगा। यह कहना है भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा का जो सोमवार को मुंबई में वार्षिक बैंकिंग सम्मेलन एफआईबीएसी 2025 में संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान उन्होंने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने के व्यापारिक निर्यात को कवर करने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत है, इससे अर्थव्यवस्था को वैश्विक झटकों के खिलाफ सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुत मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार है, हमारे पास उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 695 बिलियन डॉलर है। यह 11 महीने के व्यापारिक निर्यात को कवर करने के लिए पर्याप्त है।

नियमों की समीक्षा के लिए बनेगा प्रकोष्ठ

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने केंद्रीय बैंक के नियमों यानी विनियमों की समीक्षा के लिए एक नियामक समीक्षा प्रकोष्ठ बनाने की बात कही है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि प्रस्तावित प्रकोष्ठ 5-7 वर्षों में कम से कम एक बार सभी विनियमों की समीक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक मूल्य स्थिरता व आर्थिक विकास के उद्देश्य से मौद्रिक नीति का संचालन जारी रखेगा। मल्होत्रा ने कहा कि हम वित्तीय स्थिरता को मजबूत करना जारी रखेंगे, यह हमारा प्राथमिक उद्देश्य है।

निवेश चक्र बनाने के लिए उत्साह बढ़ाएं बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को बैंकों और कंपनियों से एक साथ आने और निवेश चक्र बनाने के लिए उत्साह बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि देश अस्थिर वैश्विक आर्थिक माहौल से गुजर रहा है। वार्षिक बैंकिंग सम्मेलन ‘एफआईबीएसी 2025’ में अपने उद्घाटन भाषण में गवर्नर ने कहा कि आरबीआई उभरते क्षेत्रों सहित बैंक ऋण का विस्तार करने के उपायों की जांच कर रहा है।

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