लंबी, पतली दानेदार संरचना, अनूठी सुगंध और उत्कृष्ट स्वाद के लिए जाना जाता है बासमती चावल
Basmati Paddy (आज समाज), नई दिल्ली: बासमती धान एक विशेष प्रकार का चावल है, जो अपनी लंबी, पतली दानेदार संरचना, अनूठी सुगंध और उत्कृष्ट स्वाद के लिए जाना जाता है। भारत और पाकिस्तान इसके प्रमुख उत्पत्ति स्थान माने जाते हैं। पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1509, और पूसा बासमती 1718 जैसी इसकी कई किस्में मौजूद हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशिष्ट विशेषताएं और उत्पादन क्षमता है।

इन कीटों के प्रभाव से पैदावार हो सकती है प्रभावित

बासमती धान की बालियां निकलते समय तेला कीट औरतनाव छेदक जैसे कीटों से बचाव के लिए, आपको हल्के सिंचाई के साथ कीटनाशकों का उपयोग करना होगा। इमामेक्टिन बेंजोएट या कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करें, और साइपरमेथ्रिन को खेत की सीमाओं पर स्प्रे करें ताकि कीटों को फैलने से रोका जा सके। रासायनिक दवाओं का उपयोग करने से पहले, जैविक उपचार भी आजमा सकते हैं।

  • कीटनाशक का प्रयोग: इमामेक्टिन बेंजोएट: एक एकड़ फसल के लिए 150 ग्राम इमामेक्टिन बेंजोएट को 125-130 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
  • कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड: एक एकड़ फसल के लिए 250 ग्राम कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड को 125-130 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
  • साइपरमेथ्रिन: प्रकोप वाले खेत की सीमाओं पर छिड़काव करें ताकि कीट एक खेत से दूसरे खेत में न जा सकें।

जैविक नियंत्रण

  • शाम के समय हल्की सिंचाई करें और सुबह को अतिरिक्त पानी खेत से बाहर निकाल दें।
  • खेत को खरपतवारों से मुक्त रखें।
  • एसिटामिप्रिड 20% एसपी: 20-40 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें।
  • इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसपी: 40-50 मिलीलीटर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
  • बुप्रोफेजीन + फिप्रोनिल: 300 मिलीलीटर प्रति एकड़ छिड़काव करें।

सावधानियां

  • कीटनाशकों का छिड़काव सुबह जल्दी या शाम को सूरज ढलने के बाद करना चाहिए।
  • नियमित रूप से फसल का निरीक्षण करें ताकि कीटों का प्रकोप जल्दी पता चल सके।
  • बालियां निकलने से 10 दिन पहले कीटनाशकों का छिड़काव करना प्रभावी होता है।

प्रमुख किस्में

बासमती धान की कई किस्में उपलब्ध हैं, जिनमें पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1847, देहरादून बासमती, तरावड़ी बासमती, और कस्तूरी लोकप्रिय हैं। ये किस्में अपनी सुगंध, लंबे दाने और अच्छी पैदावार के लिए जानी जाती हैं, और किसानों को उनकी फसल के समय के अनुसार विभिन्न विकल्प मिलते हैं।

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