तुलसी माता को माना गया है लक्ष्मी जी का स्वरूप
Tulsi Vivah,  (आज समाज), नई दिल्ली: तुलसी विवाह का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, जिसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। तुलसी माता को लक्ष्मी जी का स्वरूप भी माना गया है और कहते हैं कि तुलसी पर माता लक्ष्मी का वास भी होता है। तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता की पूजा करना बेहद ही लाभकारी माना गया है। इस बार 2 नवंबर को तुलसी विवाह है और दिन भगवान विष्णु के प्रतीक शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह करवाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से शादी में आ रही सभी अड़चनें दूर हो जाती हैं और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

करें ये उपाय

ज्योतिष के अनुसार, तुलसी विवाह के दिन अगर कुंवारी कन्या अच्छा वर पाने या सुखद वैवाहिक जीवन के लिए कुछ उपाय करती है, तो उसे अवश्य ही मनचाहा आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस शुभ अवसर पर आप नीचे दिए गए उपाय कर सकते हैं-

  • तुलसी माता की विधि-विधान और पवित्रता का ध्यान रखते हुए पूजा करें।
  • इसके बाद तुलसी माता को हल्दी वाला दूध अर्पित करें।
  • दूध अर्पित करने के बाद माता तुलसी को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
  • पूजा के बाद तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं।
  • तुलसी विवाह पर व्रत और पूजा के बाद सूर्य देव की उपासना करें।

तुलसी विवाह की पूजा के बाद क्या करें?

तुलसी विवाह के दिन इन उपाय को करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन सच्चे मन से माता तुलसी से प्रार्थना करनी चाहिए। साथ ही, मनोकामना पूर्ति के लिए अपनी भक्ति और प्रार्थना को दिल से अर्पित करना चाहिए।

इसके अलावा, तुलसी विवाह के दिन व्रत और पूजा के बाद सूर्य देव की उपासना जरूर करें। मान्यता है कि ऐसा करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन मंगलमय बनता है।

ये भी पढ़ें: देवउठनी एकदाशी के दिन करें ये उपाय, घर में बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा