पौधों में पोषण की हो सकती है कमी
Paddy Crop, (आज समाज), नई दिल्ली: पूरे देश में मानसून सक्रिय है। हर रोज कहीं न कहीं बारिश को रही है। ज्यादा बारिश के कारण नदी नाले उफान पर है। यमुना, मारकंडा आदि नदियां खतरे के निशान पर बह रही है, जिस कारण आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हजारों एकड़ फसल खराब हो चुकी है या फिर खराब होने के कगार पर है। बाढ़ का पानी फसलों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है, जिससे किसानों को भारी हानि का डर सता रहा है।
बाढ़ के पानी से धान की फसल को काफी नुकसान हो सकता है। इससे बचने के लिए, खेत से पानी निकालने की व्यवस्था करनी चाहिए, फसल को पोषक तत्वों की आपूर्ति करनी चाहिए, और यदि आवश्यक हो तो नई फसल लगानी चाहिए।
बाढ़ से धान की फसल को होने वाले नुकसान
- पौधों का गलना: पानी में डूबे रहने से धान के पौधे गल सकते हैं और मर सकते हैं।
- पत्तियों पर मिट्टी जमना: बाढ़ का पानी उतरने के बाद, पत्तियों पर मिट्टी की परत जम जाती है, जिससे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित होती है और पौधे कमजोर हो जाते हैं।
- खरपतवार का बढ़ना: बाढ़ के पानी से खरपतवार भी बढ़ सकते हैं, जो फसल के लिए हानिकारक होते हैं।
- रोगों का प्रकोप: बाढ़ के बाद, फंगल और बैक्टीरियल रोगों का प्रकोप बढ़ सकता है।
- पोषक तत्वों की कमी: बाढ़ के पानी से मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व भी बह जाते हैं, जिससे पौधों में पोषण की कमी हो सकती है।
बचाव के उपाय
- जल निकासी: बाढ़ का पानी उतरने के बाद, खेत से पानी निकालने के लिए नालों और पंपों का उपयोग करें।
- पत्तियों की सफाई: पत्तियों पर जमी मिट्टी को साफ करने के लिए, स्प्रे पंप से पानी का छिड़काव करें।
- पोषक तत्वों की आपूर्ति: पौधों को पोषण देने के लिए, यूरिया, डीएपी और पोटाश का पर्णीय छिड़काव करें।
- खरपतवार नियंत्रण: खरपतवारों को निकालें और खरपतवारनाशकों का उपयोग करें।
- रोगों का नियंत्रण: फंगल रोगों से बचाव के लिए, ट्राइकोडर्मा और एजोक्सिस्ट्रोबिन + डिफेनोकोनाजोल का छिड़काव करें।
मिट्टी की करवाएं जांच
बारिश या बाढ़ के बाद खेत की मिट्टी से पोषक तत्व बह जाते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरकता कम हो जाती है। इससे फसल की उपज पर असर पड़ता है।
इसलिए, तुरंत नजदीकी मिट्टी परीक्षण केंद्र पर जाकर मिट्टी का सैंपल जांच करवाएं। जांच रिपोर्ट से पता चलेगा कि आपकी मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व कम हैं। रिपोर्ट के अनुसार सही खाद और उर्वरक का इस्तेमाल करें ताकि फसल अच्छी हो।
धान की खेती खराब होने पर इन नई फसलों की करें बुवाई
यदि फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है, तो पानी निकलने के बाद, मक्का, मसूर, सरसों, टमाटर, खीरा और गोभी जैसी फसलों की बुवाई करें।
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