लुधियाना, जालंधर सहित कई बड़े शहरों का एक्यूआई 500 तक पहुंचा

Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़ : दिवाली की रात प्रदेश के लोगों ने खूब आतिशबाजी की और खुशियां मनाई। लेकिन इस आतिशबाजी ने प्रदेश में हवा की सेहत खराब कर दी। हालांकि प्रदेश सरकार ने लोगों से ग्रीन पटाखे चलाने की अपील की थी लेकिन लोगों पर सरकार की इस अपील का कुछ ज्यादा असर नहीं हुआ और जगह-जगह बड़े और खतरनाक पटाखे फोडेÞ गए और आतिशबाजी की गई।

इसका असर यह हुआ की प्रदेश के कई बड़े शहरों की हवा प्रदूषित हो गई और एक्यूआई खतरनाक स्तर तक पहुंच गई। लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और रोपड़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) अधिकतम 500 दर्ज किया गया, जबकि पटियाला का एक्यूआई 486 तक पहुंच गया। मंडी गोबिंदगढ़ में यह स्तर 401 और खन्ना में 272 रहा।

आतिशबाजी के साथ पराली जलाना भी मुख्य कारण

राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार प्रदूषण का यह स्तर मुख्य रूप से आतिशबाजी और पराली जलाने के कारण गंभीर श्रेणी तक पहुंचा है। साथ ही सर्दियों का मौसम शुरू होने के साथ भी एक्यूआई का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है। जब तक आगे बारिश नहीं होती है, तब तक एक्यूआई में बदलाव से ज्यादा कुछ राहत देखने को नहीं मिलेगी। हालांकि मंगलवार सुबह एक्यूआई में कुछ सुधार देखने को मिला है।

लुधियाना का एक्यूआई सुबह 7 बजे 268 दर्ज किया है, लेकिन इस भी पुअर श्रेणी में माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि आगे धान की कटाई के साथ पराली जलाने के मामले भी जोर पकड़ेंगे। अगर स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो आने वाले दिनों में पंजाब में दिल्ली-एनसीआर जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।

पराली जलाने के मामलों में आई कमी

प्रदेश में सरकार के प्रयासों के चलते पराली जलाने के मामलों में लगातार कमी आ रही है। इस साल अभी तक प्रदेश में कुल मिलाकर पराली जलाने के 308 मामले सामने आए हैं। पंजाब में 2024 में पराली जलाने की 10,909 घटनाएं हुईं, जबकि 2023 में यह संख्या 36,663 थी यानी पराली जलाने की घटनाओं में 70 फीसदी की कमी दर्ज की गई।