• खराब फसलों के लिए विशेष पैकेज घोषित कर पीडि़तों की सुध ले सरकार: कमल प्रधान

Charkhi Dadri News(आज समाज नेटवर्क)बाढड़ा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बाढङा बिजली कार्यालय परिसर में धरना 72 वें दिन भी जारी रहा जिसमें क्षेत्र के अनेक किसान संगठनों व राजनैतिक संगठनों के पदाधिकारियों ने पहुंच कर समर्थन किया। किसानों ने बकाया मुआवजा व मौजूदा नुकसान की भरपाई होने तक संघर्ष जारी रखने का एलान किया। किसान नेता नरेश कादयान व किसान सभा अध्यक्ष नसीब सिंह कारीमोद की अध्यक्षता में संचालित धरने का मंच संचालन रघबीर श्योराण ने किया। धरने को संबोधित करते हुए युवा कल्याण संगठन सरंक्षक कमल प्रधान ने कहा कि किसान कौम देश व दुनिया का पेट भरने वाली कौम है देश कितनी प्राकृतिक आपदा आई हुई फिर भी डटकर मुकाबला कर रहे हैं इसीलिए सरकार को हठ्धर्मिता का त्याग कर किसानों की सुध लेनी चाहिए।

72 दिन से किसान धूप बरसात में धरने पर बैठे सरकार किसानों कि सुध लेने को तैयार नहीं है

ज्यादा बरसात होने के कपास, बाजरा, गवार, मुंग की फसल बर्बाद हो गई है। मौजूदा समय में बरसात की अधिकता को प्राकृतिक आपदा घोषित कर मकान या जान गंवाने वाले पीडि़त परिवार को दस लाख, फसल बर्बाद वाले किसानों को प्रति एकड़ साठ हजार की मदद करनी चाहिए ताकि इस बड़ी आपदा से उभरने में सहयोग मिल सके। उन्होंने कहा कि 72 दिन से किसान धूप बरसात में धरने पर बैठे सरकार किसानों कि सुध लेने को तैयार नहीं है। क्षतिपूर्ति पोर्टल के साथ-साथ एसडीएम तहसीलदार को स्पेशल गिरदावरी के निर्देश दिए जाऐ खराबे का आकलन किया जाए किसानों और मजदूर परिवारों उनको पर्याप्त आर्थिक सहायता देना चाहिए।

आयात शुल्क समाप्त होने से कपास की घरेलू कीमत पर सीधा असर पड़ेगा

स्मार्ट मीटर के फैसले को सरकार वापसी ले और मंत्रालय ने कपास पर लगने वाले 11 प्रतिशत आयात शुल्क को तत्काल प्रभाव से खत्म करने का निर्णय किया है जो कृषि क्षेत्र के लिए बड़ा झटका है। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के इस फैसले को देश भर के कपास पैदा करने वाले किसानों को उजाडऩे वाला निर्णय बताया है। आयात शुल्क समाप्त होने से कपास की घरेलू कीमत पर सीधा असर पड़ेगा। बाहर से कपास सस्ती कीमतों पर बाजार में आएगी जिससे हमारे कपास की कीमतें निश्चित रूप से गिरेंगी और किसानों को और अधिक संकट और कर्ज का सामना करना पड़ेगा।

2023 कपास बीमा क्लेम में कृषि विभाग के अधिकारियों ने सत्ताधारियों से मिल कर चुनाव आचार संहिता के चलते जिला भिवानी व चरखी-दादरी जिलों के 450 करोड़ रुपयों के क्लेम को लगभग 100 करोड़ रुपये जारी करवाया है जो न्यायसंगत नहीं है। बीमा कंपनियों व कृषि विभाग ने मिलीभगत कर 350 करोड़ रुपयों का घोटाला किया। इतना ही नहीं हरियाणा भर में वर्ष 2022- 23 में जहां फसल बीमा क्लेम 2497 करोड़ रुपये मिला, चुनावी वर्ष 2023-24 में यह क्लेम सिर्फ 224 करोड़ रुपये किसानों को दिया गया है।

किसानों जवानों का अपमान बंद करे सरकार

श्योराण खाप पच्चीस अध्यक्ष बिजेन्द्र बेरला ने कहा कि बरसात की अधिकता की मार सबसे अधिक गरीब किसान व बेरोजगार श्रमिकों पर पड़ी है। सरकार को अविलंब प्रभाव से पहले खराबे के नुकसान व जो अनाज बचा है उसकी खरीद शुरु करनी चाहिए। सभी गांव में मनरेगा का काम लगाया जाऐ, जिन मजदूरों के ज्यादा बरसात के कारण घर ढह गए हैं उसको सरकारी योजना के तहत पक्के मकान बनाए जाएं, पिछले 3 महीने से निर्माण मजदूर की सत्यापन के नाम से बोर्ड की साइड बंद कर रखी है तुरंत प्रभाव से रोकी गई मजदूरों के सुविधा जारी की जाए।

धरने पर किसान नेता रणधीर सिंह कुंगड़, किसान सभा अध्यक्ष मास्टर रघवीर श्योराण, श्रमिक नेता रोशन लाल धारणी, नरेश कादयान, अनिल शेषमां, भूपसिंह दलाल, महिपाल कारीदास, पारस, होशियार सिंह पचगांव, पूर्व चेयरमैन सुरेश मान, सत्य प्रकाश जेवली, पीटीआई धर्मपाल बाढडा, रामपाल सिंह, ब्रह्मपाल, रणधीर, हवा सिंह, प्रताप सिंह, रमेश कुमार भाम्भू, ओमप्रकाश नंबरदार चरखी, महावीर, प्राचार्य हवा सिंह, प्रताप सिंह हंसावास, जयवीर नांधा, सतबीर भांडवा, जोरा सिंह इत्यादि मौजूद रहे।

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