• किसान आंदोलन धरने का सौ दिन पूरा, मांगे पूरी न होने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया

Charkhi Dadri News(आज समाज नेटवर्क) बाढड़ा। संयुक्त किसान मोर्चे के उपमंडल कार्यालय पर संचालित धरने ने सौ दिन पूरे कर लिए हैं। बेमियादी धरने पर मौजूद किसानों ने सरकार द्वारा सुध न लेने पर कड़ा रोष प्रकट करते हुए लंबित मांगे पूरी न करने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प दोहराया।कस्बे के जुई रोड़ स्थित बिजली कार्यालय परिसर में किसान सभा के पूर्व अध्यक्ष मा. रघबीर श्योराण काकड़ौली की अध्यक्षता में संचालित धरने को संबोधित करते हुए श्योराण खाप पच्चीस अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह बेरला ने कहा कि सरकारें केवल अपने हित की सुरक्षा कर रही हैं और मंडी में हो खलिहान में किसान का केवल शोषण ही हो रहा है। आढती भी सरकार के इशारे पर खरीद कार्य को धीरे धीरे कम कर रहे हैं। देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि विश्व बैंक से ऋण भी हमारे नाम पर लिया जा रहा है और हमारे पर ही कर थोपे जा रहे हैं। केन्द्र व प्रदेश सरकार किसान व नौजवान को आत्मनिर्भर बनाने की बजाए केवल पूंजीपूति व्यवस्था को बढावा दे रही है।

देश के किसान को आज सजगता के साथ अपनी पीढी के भविष्य की रक्षा करनी चाहिए

सरकार दिखावे के नाम पर तो कृषि, किसान के लिए बड़ा बजट आवंटित कर लेती है लेकिन फिर निजि कंपनियों के माध्यम से उस पैसे का गोलमाल कर लिया जाता है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि समस्त लोकसभा क्षेत्र में दो-दो कैबिनेट मंत्री, दो-दो सांसद व आधा दर्जन विधायक है लेकिन उसके बावजूद यहां के किसान, नौजवान धरना देने को मजबूर हैं। हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने आप को किसान का बेटा बताते हैं फिर भी बाढड़ा क्षेत्र में किसानों का यह हाल है कि यहां पर किसानों द्वारा किया गया पैदा सोना बाजरे के रूप में यहां पर पड़ा हुआ है इसे कोई खरीदने वाला नहीं है। देश के किसान को आज सजगता के साथ अपनी पीढी के भविष्य की रक्षा करनी चाहिए। देश का पीएम एक तरफ तो जनता को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की अपील कर रहा है जबकी देश का पेट भरने वाला किसान को प्राकृतिक आपदा के समय हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने में कंजूसी बरत कर निजि कंपनियों को फयादा पहुंचा रहा है।

देश के किसान को किसान को नुकसान की भरपाई से लेकर अनाज बेचने तक दर दर भटकना पड़ रहा है

यह सरकार की सोझी समझी योजना है ताकि भुखा प्यास किसान अपनी कृषि भूमि बेच दे और कारपोरेट घरानों का दबाव बढ जाए। हमारे अन्नदाता को भविष्य का श्रमिक बनाने की योजना है जो किसी सूरत में मान्य नहीं है। देश की आजादी से अब तक केवल बड़े बड़े उद्योगपतियों का अरबों रुपयों का ऋण माफ किया गया लेकिन किसान को बीमा कंपनियों का प्रीमियम अदा करने के बावजूद नुकसान की भरपाई के धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। देश के किसान को किसान को नुकसान की भरपाई से लेकर अनाज बेचने तक दर दर भटकना पड़ रहा है वहीं हमारे बच्चों को कालेजों में प्रवेश से लेकर रोजगार तक के लिए सडक़ों पर आंदोलन करना पड़ रहा है।

बरसात की अधिकता होने के कारण कपास, बाजरा, गवार, मुंग की फसल बर्बाद हो गई है

किसान सभा के पूर्व अध्यक्ष मा. रघबीर श्योराण काकड़ौली ने कहा कि किसान कौम देश व दुनिया का पेट भरने वाली कौम है देश कितनी प्राकृतिक आपदा आई हुई फिर भी डटकर मुकाबला कर रहे हैं। बरसात की अधिकता होने के कारण कपास, बाजरा, गवार, मुंग की फसल बर्बाद हो गई है सरकार व प्रशासन से मांग करते हैं और पानी के निकासी लिए ठोस क़दम उठाए जाने चाहिए। क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने के साथ-साथ एसडीएम तहसीलदार को स्पेशल गिरदावरी में सौ फिसदी पुकसान की रिपोर्ट का एक ही आदेश जारी किया जाए। किसानों और मजदूर परिवारों उनको पर्याप्त आर्थिक सहायता देना चाहिए।

सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं 2023 कपास बीमा क्लेम कृषि विभाग के अधिकारियों बीमा कंपनी से मिल कर चुनाव आचार संहिता के चलते जिला भिवानी व चरखी-दादरी जिलों के 450 करोड़ रुपयों के क्लेम को लगभग 100 करोड़ रुपये कर ,350 करोड़ रुपयों का घोटाला किया । इतना ही नहीं हरियाणा भर में वर्ष 2022- 23 में जहां फसल बीमा क्लेम 2497 करोड़ रुपये मिला, चुनावी वर्ष 2023-24 में यह क्लेम सिर्फ 224 करोड़ रुपये किसानों को दिया गया है जिसके विरोध में बेमियादी धरना प्रदर्शन जारी है। आज के धरने पर किसान नेता नरेश कादयान, होशियार सिंह पचगांव, सत्य प्रकाश जेवली, ब्रह्मपाल, रणधीर, हवा सिंह, प्रताप सिंह, रमेश कुमार भाम्भू, प्राचार्य हवा सिंह जयवीर नांधा, सतबीर सिंह इत्यादि मौजूद रहे।

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