अब तक कुल 46 मामले आए सामने, यह जिला है सबसे आगे
Punjab Stubble Burning (आज समाज), चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन द्वारा बार-बार अपील करने के बावजूद भी पंजाब के किसान सुधरने का नाम नहीं ले रहे। यही कारण है कि प्रदेश में अभी धान कटाई का प्राथमिक चरण है और धान के अवशेष जलाने के मामले सामने आने लगे हैं। ज्ञात रहे कि जब से धान रोपाई का सीजन शुरू हुआ है तभी से प्रदेश सरकार यहां तक कि स्वंय मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान किसानों से यह अपील कर रहे हैं कि किसान धान के अवशेष खेतों में जलाने की बजाए उनका वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन करें। इसके लिए सरकार सब्सिडी पर मशीनरी भी मुहैया करवा रही है लेकिन बावजूद इसके किसान सरकार की बात मानने को तैयार नहीं हैं यही कारण है कि एक नहीं बल्कि कुल 46 जगह अवेशषों में आग लगाने के मामले सामने आए हैं।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने संभाला मोर्चा
राज्य में धान कटाई के बाद पराली जलाने का सिलसिला शुरू होते ही प्रशासन भी हरकत में आ गया है। इस बार सुप्रीम कोर्ट की सख्त हिदायतों के बाद सरकार और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने सीजन की शुरूआत से ही मोर्चा संभाल लिया है। नतीजा यह है कि अब तक 46 पराली जलाने के मामले रिपोर्ट किए जा चुके हैं।
पराली जलाने में अमृतसर सबसे आगे
पीपीसीबी से मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पराली जलाने के मामलों में अमृतसर जिला सबसे आगे है। यहां अब तक पराली जलाने के 32 मामले सामने आ चुके हैं, जिस पर कार्रवाई करते हुए 50 हजार रुपये जुर्माना लगाने के साथ-साथ 15 हजार रुपये जुर्माने की वसूली भी हो चुकी है। जानकारी अनुसार पटियाला से छह, तरनतारन से चार, जबकि बठिंडा, फिरोजपुर, होशियारपुर और संगरूर से पराली जलाने का एक-एक मामला सामने आया है। हालांकि, फिलहाल किसी किसान के खिलाफ कोई एफआईआर या रेड एंट्री की कार्रवाई नहीं की गई है।
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