केंद्रीय टीम ने प्रदेश सरकार के रवैये पर जताया रोष

Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। हर बार की तरह इस बार भी पंजाब के किसान अपनी उपज बेचने के लिए व्यापारियों और आढ़तियों के रहमो करम पर हैं। एक तरफ जहां कुछ माह पहले प्रदेश के किसान कुदरत की मार को झेल रहे थे वहीं वे अब प्रदेश सरकार और व्यापारियों के रवैये से परेशान हैं। यह कहना है अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक पद्मश्री परगट सिंह का जो मौजूदा धान सीजन में किसानों को उनकी पूरी उपज का दाम न मिलने पर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे थे।

पंजाब के किसानों की हालत पर जताई चिंता

कांग्रेस नेता ने पंजाब के किसानों और खेतीबाड़ी को लेकर चिंता जताई, वहीं केंद्र व राज्य सरकार की चुपी पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के किसानों पर दोहरी मार मारी जा रही है। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एक तरफ पंजाब के किसानों को बाढ़ के कारण खराब हुई उनकी धान की फसल को प्रति क्विंटल 50 से 500 रुपए से कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

केंद्र और राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रहीं

दूसरी तरफ हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली में प्रदूषण के आरोप पंजाब और किसानों के सिर मढ़ा जा रहा है। एमएसपी पर धान की खरीद करने की बजाए दोनों ही सरकारें अपनी जिम्मेदारी से भाग रही हैं। परगट सिंह ने इस बात पर कड़ा एतराज जताया है कि 14 मैंबरी केंद्रीय टीम ने भी अभी तक अपनी फसल के नुकसान को लेकर रिपोर्ट नहीं सौंपी है और न ही पंजाब सरकार ने मुआवजे के लिए कोई तत्पर्ता दिखाई है।

दोनों सरकारों की इस मामले में उदासीनता किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने दोनों सरकारों को चेताया कि यह समय घोषणाओं का नहीं बल्कि कार्रवाई करने का है, ताकि किसानों को उनका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि जब पंजाब के किसान बाढ़ और बारिश के बाद खराब फसलों के कारण घाटे का सामना कर रहे हैं तो केंद्र की भाजपा सरकार उन्हें राहत देने में देरी कर रही है। जब किसान अपनी मदद के लिए गुहार लगाते हैं तो सरकार केंद्र को दोषी ठहरा कर खुद पल्ला झाड़ रही है। इन सब में सिर्फ किसान ही पिस रहा है।

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