90-100 दिनों में तैयार हो जाती है शकरकंद
Sweet Potatoes Farming, (आज समाज), नई दिल्ली: देश में आलू, प्याज, लहसुन और मटर जैसी फसलों की खेती आमतौर पर किसानों के बीच लोकप्रिय है, लेकिन अब किसानों के लिए एक नई अवसर की शुरूआत हो सकती है। शकरकंद की खेती। विशेषज्ञों के अनुसार शकरकंद की खेती केवल 90-100 दिनों में तैयार हो जाती है और सही रणनीति अपनाने पर किसान इस फसल से लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं।

शकरकंद की मांग पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रही है, क्योंकि कई किसान इस फसल की ओर अब कम ही आकर्षित हो रहे हैं। यही वजह है कि बाजार में इसकी कीमत 40 से 50 रुपए प्रति किलो तक होती है। यदि किसान एक एकड़ में शकरकंद की खेती करते हैं, तो उचित देखभाल और समय पर बुवाई के साथ उन्हें लाखों रुपए का लाभ मिल सकता है।

शकरकंद की खेती का सही समय और तरीका

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि शकरकंद की खेती के लिए सबसे सही समय सितंबर से अक्टूबर का होता है। इस दौरान वर्षा का खतरा कम होता है और फसल सड़ने का डर नहीं रहता। बुवाई के बाद फसल दिसंबर से जनवरी के बीच तैयार हो जाती है। शकरकंद की खेती के लिए दोमट मिट्टी वाले खेत उपयुक्त माने जाते हैं। फसल के लिए तापमान लगभग 20-21 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। रोपाई से पहले खेत में गोबर की खाद मिलाना लाभकारी होता है, क्योंकि इससे फसल की पैदावार बढ़ती है।

शकरकंद की प्रमुख किस्में

  • कोकड़ अश्वनी
  • श्रीभद्रा
  • पूसा सुनहरी
  • पूसा सफेद

लागत और मुनाफा

एक बीघे खेत में शकरकंद की खेती करने की अनुमानित लागत 10-12 हजार रुपए होती है। केवल 3 महीनों में फसल तैयार होने पर किसान इस फसल से लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं। यह खेती छोटे और बड़े दोनों तरह के किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।

सिंचाई और समय पर देखभाल करना भी जरूरी

कृषि विशेषज्ञों का सुझाव है कि किसान बुवाई से पहले मिट्टी की जांच करें और खेती की सही तैयारी करें। इसके अलावा फसल की सिंचाई और समय पर देखभाल करना भी जरूरी है, ताकि फसल स्वस्थ और अच्छी पैदावार वाली हो।

किसानों की आय का नया जरिया बन सकती शकरकंद की खेती

शकरकंद की खेती अब किसानों के लिए कम समय में अधिक लाभ का साधन बन सकती है। सही समय पर बुवाई, उचित मिट्टी और उन्नत किस्मों का चयन कर किसान केवल 90 दिनों में लाखों की कमाई कर सकते हैं। ऐसे में यह फसल किसानों के लिए आय का नया जरिया बन सकती है।