पंजाब सरकार को उसके मंसूबों में कामयाब नहीं होने देंगे : पंधेर

Amritsar Breaking News (आज समाज), अमृतसर : पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ जहां शिअद और कांग्रेस मुखर है वहीं अब प्रदेश के किसान संगठन भी उसके विरोध में उतर आए हैं। इसी को लेकर पंजाब के किसान मजदूर मोर्चा ने इस नीति को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदेश के सभी जिलों के डीसी कार्यालयों में मांग पत्र सौंपे। इस दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने पंजाब सरकार पर केंद्र सरकार और कॉपोर्रेट घरानों के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। पंधेर ने कहा कि पंजाब सरकार उपजाऊ कृषि भूमि को कंक्रीट के जंगलों में बदलने का सपना देख रही है, जिसे किसान पूरा नहीं होने देंगे।

पंजाब के लोगों के खिलाफ है यह नीति

पंधेर ने दुबई और अन्य देशों का उदाहरण देने वाले सरकारी प्रतिनिधियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन देशों ने बंजर भूमि पर निर्माण किया है, न कि तीन-चार फसलें पैदा करने वाली उपजाऊ जमीन पर। पंधेर ने कहा कि यह नीति न सिर्फ किसानों के लिए, बल्कि खेत मजदूरों, गांव के छोटे दुकानदारों और मध्यम वर्ग के व्यापारियों के लिए भी घातक है। उन्होंने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है कि जमीन जबरन नहीं ली जाएगी, जबकि नीति में साफ कहा गया है कि अगर किसी जमीन के दोनों तरफ के भूस्वामी जमीन देते हैं तो बीच के किसान की सहमति के बिना ही भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत जमीन का अधिग्रहण कर लिया जाएगा।

लोगों को सब्जबाग दिखा रही सरकार

पंधेर ने कहा कि सरकार लोगों को लुभाने के लिए खोखले दावे कर रही है, लेकिन लोग अपने हितों के प्रति जागरूक हो चुके हैं। सरकार लोगों को किफायती घर तो दे रही है, लेकिन सरकारी रेट के हिसाब से 5 मरले का प्लॉट 45 से 50 लाख रुपए का पड़ेगा, ऐसे में इसे खरीदना गरीब या मध्यम वर्गीय परिवारों की पहुंच से भी बाहर हो जाएगा। असल में अत्यधिक उपजाऊ जमीन और प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के पास के इलाकों में जमीन अधिग्रहण करने की नीति लाई गई है। अगर सरकार कॉलोनियां बनाना चाहती है, तो न्यू चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, मोहाली और फगवाड़ा के आसपास हजारों कॉलोनियां बन चुकी हैं और उन्हें नियमित किया जा सकता है।

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