• हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और जीवंत लोक परंपराओं को देश-दुनिया में पहचान दिलाने का काम कर रहे लोक कलाकार
  • सूरजकुंड में दीपावली मेला में लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं लोक कलाकार

Faridabad Surajkund Fair (आज समाज) फरीदाबाद। हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और जीवंत लोक परंपराओं को देश-दुनिया में पहचान दिलाने का श्रेय उन लोक कलाकारों को जाता है, जिन्होंने अपने समर्पण और प्रतिभा के बल पर हरियाणवी लोक कला को जन-जन तक पहुंचाना है। आज जब आधुनिकता की दौड़ में पारंपरिक कलाएं लुप्त होने की कगार पर हैं, ऐसे समय में ये कलाकार हरियाणा की आत्मा को जीवित रखने का कार्य कर रहे हैं।

हरियाणवी की संस्कृति समृद्ध संस्कृति है, जिसका पूरे भारत देश के साथ-साथ विदेशों में भी डंका बजता है। ढोल-नगाड़ा, बीन, सांग, रागनी आदि हरियाणवी संस्कृति के विशेष अंग है। इस संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि हरियाणा का युवा अपनी संस्कृति से भली-भांति परिचित हो।

आत्मनिर्भर भारत-स्वदेशी मेला थीम

हरियाणा प्रदेश के जिला फरीदाबाद के सूरजकुंड में आत्मनिर्भर भारत-स्वदेशी मेला थीम पर आयोजित किए जा रहे द्वितीय दीपावली मेला में हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हरियाणा कला एवं संस्कृति विभाग के प्राचीन लोक कलाओं व विधाओं के लोक कलाकार पारंपरिक वाद्य यंत्रों के माध्यम से न केवल राज्य के गौरवशाली अतीत को सहेजने का कार्य कर रहे हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपनी जड़ों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

सूरजकुंड दीपावली मेला में जिला पलवल के गांव बंचारी से आई सुरेंद्र सिंह व नगाड़ा पार्टी, जिला सोनीपत के गांव वजीरपुर टिटाना गांव से आई जय सिंह नाथ की म्यूजिक सपेरा डांस पार्टी व जिला जींद से आई मास्टर चंद्रभान बीन पार्टी मेला घूमने आने वाले लोगों का मनोरंजन करने के साथ-साथ लोक कला व संस्कृति की जड़ों को मजबूत करने व जीवंत रखने का काम कर रही हैं।

देश-विदेश में प्रसिद्ध है हरियाणा के बंचारी गांव की ढोल-नगाड़ा विधा

ढोल नगाड़ा बंचारी गांव की प्रसिद्ध विधा है जो देश-विदेश में प्रसिद्ध है। हरियाणा सरकार की ओर से युवाओं को हरियाणवी संस्कृति से परिचित करवाने के लिए सरकार की ओर से सराहनीय पहल की जा रही है। कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से हरियाणा की विभिन्न प्रकार को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके लिए विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन पूरे प्रदेश में किया जाता है, जिनमें हरियाणवी संस्कृति की झलक स्पष्ट देखने को मिलती है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी में अपने देश व प्रदेश की लोक संस्कृति के प्रति जागृति आ रही है। इन आयोजनों से न केवल शहरों में रहने वाला युवा वर्ग हरियाणवी संस्कृति से परिचित होगा, बल्कि संस्कृति से जुडकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायक भी सिद्ध होगा। हरियाणवी कला संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक केएम पांडुरंग के मार्गदर्शन में हरियाणा कला एवं संस्कृति विभाग कृतसंकल्प है, जिसके लिए विभाग की ओर से समय-समय पर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।