• मरीजों की बढ़ती संख्या देख,लिया मशीनों की संख्या बढ़ाने का निर्णय

(Faridabad News)फरीदाबाद। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए राहत की खबर है। अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों की बढ़ती संख्या और जांच में आ रही दिक्कतों को देखते हुए एमआरआई की एक ओर मशीन लगाने की तैयारी की है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

ईएसआईसी अस्पताल में फरीदाबाद समेत पलवल, होडल, हथीन, गुरुग्राम, दिल्ली, नोएडा, रेवाड़ी, पानीपत आदि जिलों से रोजाना करीब साढे चार हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें सिरदर्द, रीढ़ की हड्डी में दर्द, नसों से जुड़ी समस्याएं, ब्रेन स्ट्रोक, कैंसर जांच जैसी गंभीर स्थितियों के लिए एमआरआई जांच की जरूरत होती है। फिलहाल अस्पताल में मात्र एक एमआरआई मशीन उपलब्ध है, जिससे मरीजों को समय पर जांच नहीं हो पाती। इस वजह से जांच की तारीखें कई महीनों डेट दी जाती है।

एमआरआई जांच के लिए मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा

जिस कारण गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीजों को समय रहते इलाज नहीं मिल पाता। मौजूदा स्थिति यह है कि एमआरआई जांच के लिए मरीजों को लगभग एक साल तक इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे न केवल मरीज बल्कि उनके परिवार भी मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हो जाते हैं।

ऐसे में उन्हें महंगे खर्च पर प्राइवेट अस्पतालों और सेंटरों पर एमआरआई करनी पड़ती है। एक ही मशीन होने के कारण डॉक्टरों को प्राथमिकता के आधार पर मरीजों को एमआरआई जांच के लिए बुलाना पड़ता है, जिससे सैकड़ों मरीज महीनों तक प्रतीक्षा सूची में ही रह जाते हैं।

रोजाना होते 15 एमआरआई

अस्पताल में रोजाना करीब 10 एमआरआई और 25 सिटी स्कैन होते है। अस्पताल अधिकारियों ने बताया कि एक मरीज का एमआरआई करने में एक से एक से डेढ घंटे का समय लग जाता है, जबकि सिटी स्क्रैन में 15 से 20 मिनट का समय लगता है। इस कारण एमआरआई मरीजों की कतार लंबी है।

उत्तर भारत के मरीजों के लिए प्रमुख चिकित्सा केंद्र

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल न केवल हरियाणा बल्कि उत्तर भारत के कई हिस्सों से आने वाले श्रमिक वर्ग गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए प्रमुख चिकित्सा सुविधा केंद्र है। ऐसे में जांच सेवाओं को सुलभ और त्वरित बनाना बहुत जरूरी हो गया है।

दूसरी मशीन लगने से यह बड़ी समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी और अस्पताल का कार्य संचालन भी पहले से अधिक सुचारू रूप से हो सकेगा। अस्पताल प्रशासन को उम्मीद है कि टेंडर प्रक्रिया जुलाई के मध्य तक पूरी कर ली जाएगी। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो अगस्त तक मरीजों को नई मशीन से भी एमआरआई सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।

यह भी पढ़े : Faridabad News : महापौर की अध्यक्षता में निगम अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित