• दोनों कुलपतियों ने नवाचार, डिजिटल गवर्नेंस एवं कौशल विकास में सहयोग का संकल्प लिया

Faridabad News, आज समाज , फरीदाबाद। जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद (हरियाणा) के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार एवं कुलसचिव प्रो. अजय रँगा के नेतृत्व में आज से गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (जीटीयू), अहमदाबाद का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल जीटीयू के दो दिवसीय शैक्षणिक दौरे पर है।

प्रतिनिधिमंडल का विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने पर जीटीयू कुलपति प्रो. राजुल के. गज्जर, कुलसचिव डॉ. के.एन. खेर तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने हार्दिक स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल में संस्थानों के डीन प्रो. मुनीश वशिष्ठ, शैक्षणिक मामलों के डीन प्रो. अतुल मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव कुमार सिंह, कम्युनिटी कॉलेज ऑफ स्किल डेवलपमेंट के प्राचार्य प्रो. संजीव गोयल, निदेशक (अनुसंधान एवं विकास) प्रो. मनीषा गर्ग, ,सहायक कुलसचिव (स्टोर एवं क्रय) विशाल कुमार तथा जनसंपर्क अधिकारी जितेंद्र सिंह यादव शामिल रहे।

विश्वविद्यालय मॉडल को अपनाने की दिशा में करेगा काम

दोनों विश्वविद्यालयों के अधिकारियों की बैठक में जीटीयू के डिजिटल शासन, नवाचार एवं स्टार्टअप इकोसिस्टम तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा हुई। प्रो. राजीव कुमार ने इसे राष्ट्रीय मानक बताते हुए कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय भी इस मॉडल को अपनाने की दिशा में काम करेगा। गुजरात स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी (एसएसआईपी), 8,000 से अधिक छात्र स्टार्टअप्स को सहयोग, छात्र-शिक्षकों द्वारा 1,000 से अधिक पेटेंट दाखिल करना, प्री-इन्क्यूबेशन, इन्क्यूबेशन मॉडल एवं अनुदान व्यवस्था के प्रस्तुतिकरण से भी प्रतिनिधिमंडल प्रेरित हुआ।

प्रो. राजीव कुमार ने जीटीयू के दृष्टिकोण को विश्वविद्यालय-स्तरीय नवाचार एवं पेटेंट संस्कृति विकसित करने के लिए अपनाने की प्रबल इच्छा व्यक्त की। इस अवसर पर जीटीयू की कुलपति डॉ. राजुल के. गज्जर ने जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कम्युनिटी कॉलेज ऑफ स्किल डेवलपमेंट, विशेषकर पूर्व शिक्षा की मान्यता (आरपीएल) के अंतर्गत बी.वोक. कार्यक्रमों में गहरी रुचि दिखाई।

शिक्षा एवं आरपीएल फ्रेमवर्क

डॉ. गज्जर ने कार्यरत पेशेवरों एवं गैर-पारंपरिक शिक्षार्थियों को पूर्व अनुभव मान्यता देकर औपचारिक डिग्री प्रदान करने के जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के समावेशी मॉडल की सराहना की और कौशल-आधारित शिक्षा एवं आरपीएल फ्रेमवर्क में परस्पर सहयोग की इच्छा जताई। बैठक का समापन स्मृति-चिह्नों के आदान-प्रदान एवं हरियाणा तथा गुजरात के इन दो प्रमुख तकनीकी विश्वविद्यालयों के बीच परस्पर सहयोग को मजबूत एवं परिणामोन्मुखी साझेदारी में बदलने के संकल्प के साथ हुआ।

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