• 60 से अधिक शोध पत्र व केस स्टडीज़ प्रस्तुत, 150 से अधिक विशेषज्ञ शामिल

(Faridabad News) फरीदाबाद। उच्च शिक्षा एवं अकादमिक पुस्तकालयों में डिजिटल नवाचार को गति देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज में मंगलवार को इनोवेशन एंड डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन एकेडमिक लाइब्रेरीज़ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। इस सम्मेलन में पुस्तकालय विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी एवं शोध जगत से जुड़े 150 से अधिक विचारक व विशेषज्ञ शामिल हुए हैं।

यह सम्मेलन डॉ. ओ.पी. भल्ला सेंट्रल लाइब्रेरी द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया एवं डिफेन्स रिसर्च, डेवलपमेंट ओर्गनिज़शन का सहयोग प्राप्त है। सम्मेलन का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स, डिजिटल संरक्षण, इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं स्मार्ट लाइब्रेरी सिस्टम्स जैसी उभरती तकनीकों के माध्यम से एकेडमिक लाइब्रेरीज़ को आधुनिक स्वरूप प्रदान करना है।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाने वाले मुख्य अतिथि थे प्रो. मजहर आसिफ, कुलपति, जामिया मिलिया इस्लामिया। विशिष्ट अतिथियों में प्रो. देविका मडाली, निदेशक, और प्रो. अजय प्रताप सिंह, महानिदेशक, राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन एवं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया, शामिल रहे।

श्रेष्ठ लेखों को पुस्तकालय विज्ञान की पीयर-रिव्यू जर्नल ‘ज्ञानकोश’ में स्थान मिल सकता

सम्मेलन में शोध दृश्यता, शैक्षणिक क्षेत्र में नैतिक एआई उपयोग, तथा पुस्तकालय सेवाओं के स्वचालन जैसे ज्वलंत विषयों पर 60 से अधिक शोध पत्र एवं केस स्टडीज़ प्रस्तुत किए जा रहे हैं। चयनित शोध पत्रों को पंजीकृत प्रकाशन में प्रकाशित किया जाएगा तथा श्रेष्ठ लेखों को पुस्तकालय विज्ञान की पीयर-रिव्यू जर्नल ‘ज्ञानकोश’ में स्थान मिल सकता है।
प्रो-वाइस चांसलर डॉ. नरेश ग्रोवर ने कहा कि आज के एकेडमिक पुस्तकालय केवल पुस्तकों की शांत दीवारें नहीं हैं, बल्कि ज्ञान, सहयोग और नवाचार के डिजिटल द्वार बन चुके हैं। यह सम्मेलन हमारे उसी संकल्प को दोहराया है। उच्च शिक्षा में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देना और आगामी पीढ़ी को सशक्त बनाना।

यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि एकेडमिक पुस्तकालयों में डिजिटल परिवर्तन अब भविष्य की बात नहीं, बल्कि वर्तमान की आवश्यकता बन चुका है। यह सम्मेलन विचारकों, शोधकर्ताओं और नवाचार कर्ताओं के बीच अनुभव साझा करने का एक सशक्त मंच है।

सम्मेलन के पहले दिन का एक प्रमुख सत्र वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन के माध्यम से भारत के शोध परिदृश्य को सशक्त बनाना विषय पर रहा, जिसका संचालन एग्जीक्यूटिव डिरेक्टर डीन (रिसर्च) डॉ. सरिता सचदेवा ने किया।

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