- भगवान परशुराम के जीवन से प्रेरणा लें, उनके दिखाएं मार्ग का करें अनुसरण : वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी शर्मा
- सेक्टर-12 स्थित अधिवक्ताओं ने मनाया भगवान परशुराम का जन्मोत्सव
(Faridabad News) फरीदाबाद। जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं द्वारा भगवान परशुराम का जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन से पूर्व ऑपरेशन सिंदूर के तहत देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए मां भारती पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर शहीदों की आत्मा शांति के लिए हवन यज्ञ भी किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के राजस्व मंत्री विपुल गोयल, हरियाणा पंजाब बार काउंसिल के पूर्व वाइस चेयरमैन एवं वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी शर्मा, पूर्व मंत्री सीमा त्रिखा व पूर्व विधायक पंडित टेकचंद शर्मा के अलावा सभी अधिवक्ताओं ने वीर शहीदों की आत्मा शांति के लिए यज्ञ में आहुति दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा पंजाब बर काउंसिल के पूर्व वाइस चेयरमैन पंडित ओपी शर्मा ने की। मंच का संचालन अधिवक्ता ओमदत्त शर्मा ने किया। कार्यक्रम में पहुंचने पर महापौर प्रवीण बत्रा जोशी का अधिवक्ता संतराम शर्मा, पूर्व प्रधान के पी तेवतिया, अधिवक्ता अजीत डागर, रामकरण भारद्वाज, जिला पार्षद एडवोकेट अनिल पाराशर, एडवोकेट सचिन पाराशर,सेवानिवृत्ति विंग कमांडर एडवोकेट सत्येंद्र दुग्गल आदि ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा के वरिष्ठ भ्राता पं. टिपर चंद शर्मा भाजपा प्रवक्ता विजय शर्मा विशेष रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम में मौजूद अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए महापौर प्रवीण बत्रा जोशी ने कहा कि भगवान परशुराम की सोच समाज के सभी वर्गों के साथ सामान्य न्याय करने की रही थी भगवान परशुराम न्याय दिलाने के लिए शास्त्र और शास्त्र दोनों का ही उपयोग करते थे। भगवान परशुराम ने जहां भगवान श्री राम को दुराचारियों का समूल नाश करने के लिए अपना धनुष दिया वहीं दानवीर कर्ण को शस्त्र विद्या दी।
परिदृश्य में भी भगवान परशुराम की सोच की नितांत आवश्यकता
आज के परिदृश्य में भी भगवान परशुराम की सोच की नितांत आवश्यकता है। आज के शासको को चाहिए कि वह दुष्ट लोगों को पहले शास्त्र अनुसार समझाएं और अगर उससे बात नहीं बने तो शास्त्र से समझाएं उनका इशारा सीधा-सीधा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की ओर था। वहीं अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए हरियाणा पंजाब बार काउंसिल के पूर्व वाइस चेयरमैन ओपी शर्मा ने कहा कि हम अगर पिछले हजारों वर्ष के इतिहास पर गौर फरमाए तो ऐसा कोई भी व्यक्तित्व नजर नहीं आएगा जो की आजीवन अन्याय के खिलाफ लड़ते रहे और पीडि़तों को न्याय दिलाते रहे।
उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वह भगवान परशुराम के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके द्वारा दिखाई गए मार्ग का अनुसरण करें तथा जहां भी अन्य नजर आए वहां उसका सिर्फ प्रतिकार ही न करें बल्कि अन्याय करने वाले को दंड दिलाने में भी अपनी महती भूमि का अदा करें।
कार्यक्रम में अधिवक्ता दिनेश भारद्वाज, बृजमोहन शर्मा,अनुज शर्मा, सर्वेश कौशिक, सुनील भारद्वाज, कृष्ण पहलवान, सत्य प्रकाश कौशिक, अशोक अरोड़ा, आत्म प्रकाश सेतिया, कंवर दलपत सिंह, एस राकेश आदि के अलावा महिला अधिवक्ताओं में खासतौर पर ललिता यादव, रंजना शर्मा, सुधा शर्मा आदि विशेष रूप से मौजूद थे।
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