पुलिस कर्मियों पर केस दर्ज करने सहित 5 मांगे सरकार ने मानी
Hisar News (आज समाज) हिसार: हरियाणा के हिसार में दलित युवक गणेश की मौत के बाद पैदा हुआ विवाद सुलझ गया गया। मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद परिजन शव लेने के लिए मान गए है। मुख्यमंत्री से बैठक में पीड़ित परिवार ने पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने समेत 5 मांगें सीएम के समक्ष रखी थी, जिन्हें सरकार ने मान लिया। इसके बाद मंत्री कृष्ण बेदी नागरिक अस्पताल में चल रहे धरने पर पहुंचे और अपने हाथों से एफआईआर की कॉपी परिवार के हाथों में सौंप दी। इसके बाद परिवार व दलित समाज के लोग मृतक गणेश का अंतिम संस्कार के लिए रवाना हो गए।
इस मामले को लेकर मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि हम किसी निर्दोष पर आंच नहीं आने देंगे चाहे वह पुलिसकर्मी है या कोई और। निर्दोष को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार पहले भी बातचीत के लिए तैयार थी मगर मामले को लेकर कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हुए थे। सरकार इस मामले की परिवार की इच्छानुसार कहीं भी जांच करवाने के लिए तैयार है। निर्दोष को फंसने नहीं देंगे और दोषी को छोड़ेंगे नहीं। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने एक दिन पहले ट्वीट कर भाजपा सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया था।
परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की भी मांग मानी गई
गुरुवार सुबह मृतक गणेश का पिता विक्रम, चाचा दिनेश और प्रतिनिधिमंडल के सदस्य कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी से मिलने के लिए गए। वहां पर उनकी काफी देर तक बातचीत हुई। उसके बाद कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी के साथ मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की। मांगों पर सहमति बनने के बाद कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने बताया कि परिवार और कमेटी की मांग पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। परिवार के एक सदस्य को किसी तरह के रोजगार देने की मांग भी मानी। शव का पोस्टमॉर्टम डाक्टरों के बोर्ड की तरफ से करवाया जा चुका हैं।
पुलिस कर्मियों को निर्दोष बता चुके एडीजीपी
वहीं एक दिन पहले गुरुवार को हिसार में एडीजीपी केके राव ने बर्थडे पार्टी के दौरान डीजे को लेकर विवाद में गणेश की मौत मामले में पुलिस को पाक साफ बताया था और कहा था कि पुलिस किसी भी जांच के लिए तैयार है। केके राव ने कहा था कि पुलिस इस मामले में लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए भी तैयार है।
रक्षात्मक और आत्मरक्षा की भूमिका में थी पुलिस
इस प्रकरण में पुलिस की रक्षात्मक और आत्मरक्षा की भूमिका थी। पुलिस बर्थ डे पार्टी में रात 10 बजे के बाद डीजे को बंद करवाने गई थी। तेज आवाज से आस पड़ोस के लोग प्रभावित होते हैं। जैसा कि वीडियो में दिख भी रहा है कि पुलिस पर किस तरह से हमला किया गया। पुलिस के मोबाइल छीने गए और गालियां तक निकाली गई।
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