बॉर्डर वाले गांवों में रहने वाले वे किसानों को होगा लाभ
PM Kisan, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा कि भारत के बॉर्डर वाले गांवों में रहने वाले वे किसान, जिनके पास जमीन के मालिकाना से जुड़े दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें भी अब पीएम-किसान योजना का लाभ मिल सकेगा, बशर्ते राज्य सरकार उनकी पहचान साबित कर दे। कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि ऐसी स्थिति में योजना की एक किस्त तुरंत जारी कर दी जाएगी।
यह घोषणा लंबे समय से बॉर्डर इलाके वाले किसानों की एक प्रमुख मांग रही है। जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर गए चौहान ने किसानों और श्रमिकों से मुलाकात के दौरान कहा कि मनरेगा के तहत काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 करने पर वे राज्य सरकार से बात करेंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दी जाएगी 1,30,000 रुपए की आर्थिक सहायता
उन्होंने यह भी घोषणा की कि जिन किसानों और ग्रामीणों के घर बाढ़ में तबाह हो गए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1,30,000 रुपये की सहायता, शौचालय निर्माण के लिए अलग से राशि और 40,000 रुपए की मनरेगा मजदूरी मिलेगी। उन्होंने बताया कि अब तक 5,101 घरों के नुकसान की जानकारी मिली है, जिनके लिए वे तुरंत मंजूरी देंगे।
कृषि बीमा और बागवानी को भी मिलेगा राहत पैकेज
चौहान ने बताया कि मिर्च, धान जैसी फसलें गंभीर रूप से बर्बाद हुई हैं। ऐसे में जिन किसानों ने बीमा कराया है, उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पूरा मुआवजा मिलेगा। इसके साथ ही बागवानी मजदूरों और सेब के बागानों को भी सहायता दिलाने के लिए राज्य सरकार से आग्रह किया गया है।
ट्रैक्टर और कृषि यंत्र होंगे सस्ते
दिल्ली में कृषि यंत्र निमार्ताओं के साथ बैठक के बाद चौहान ने बताया कि 22 सितंबर से ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों पर जीएसटी में कटौती का सीधा लाभ किसानों को मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह फैसला 23,000 रुपये से 63,000 रुपये तक की कीमतों में कमी ला सकता है, जिससे छोटे किसानों के लिए यंत्र खरीदना सस्ता हो जाएगा। कस्टम हायरिंग सेंटर्स के लिए भी मशीनरी अब सस्ती होगी, जिससे किराये की दरों में गिरावट आएगी।