EPFO Latest Update : कर्मचारी भविष्य निधि पर 8.25% ब्याज दर को मंजूरी देने के बाद EPFO ने कर्मचारियों को एक और बड़ी राहत दी है। जिसका फायदा लाखो कर्मचारियों को मिलने वाला है। इसके तहत अब PF फंड ट्रांसफर या निकालने का दावा सिर्फ इसलिए खारिज नहीं किया जाएगा क्योंकि सर्विस पीरियड में ‘ओवरलैप’ है- यानी एक ही दिन दो कंपनियों में जॉब दिखाई गई है। इस कदम से PF दावों के निपटान में लगने वाले समय में कमी आएगी और कर्मचारी बेवजह की परेशानी से बचेंगे।
दो कंपनियों की सर्विस डेट में ओवरलैप होने पर ट्रांसफर का दावा सीधे खारिज नहीं किया जाएगा
EPFO की ओर से 20 मई 2025 को जारी सर्कुलर में साफ तौर पर कहा गया है कि अब सिर्फ दो कंपनियों की सर्विस डेट में ओवरलैप होने पर ट्रांसफर का दावा सीधे खारिज नहीं किया जाएगा। ओवरलैपिंग सर्विस के कारण ट्रांसफर क्लेम को सिरे से खारिज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि कई बार ऐसा वास्तविक और जायज कारणों से भी हो सकता है।
क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश
यदि किसी ट्रांसफर क्लेम में ओवरलैपिंग तिथियां पाई जाती हैं, तो संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को उस क्लेम को सिरे से खारिज नहीं करना चाहिए। ऐसे मामलों में स्पष्टीकरण तभी मांगा जाएगा, जब इसकी जरूरत होगी।
ट्रांसफर ऑफिस की जिम्मेदारी
ट्रांसफर ऑफिस को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह क्लेम को वापस या खारिज किए बिना प्रक्रिया को आगे बढ़ाए और केवल महत्वपूर्ण मामलों में ही स्पष्टीकरण मांगे। इस कदम से अनावश्यक देरी और कागजी कार्रवाई कम होगी, जिससे कर्मचारियों को समय पर उनका फंड मिल सकेगा।
ईपीएफओ ने पुराने निर्देश दोहराए
सर्कुलर में पुराने निर्देश दोहराए गए हैं और कहा गया है कि ट्रांसफर करने वाले (सोर्स) ऑफिस की जिम्मेदारी है कि वह सभी डिटेल्स चेक करे और यह सुनिश्चित करे कि ट्रांसफर में कोई गलती न हो। इसका मतलब यह है कि पुरानी कंपनी का एचआर डिपार्टमेंट या पीएफ ऑफिस यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारी के जाने से पहले सभी डिटेल्स सही हों, ताकि बाद में ट्रांसफर में कोई दिक्कत न आए।
यह सुनिश्चित होगा कि कर्मचारियों को उनकी पूरी पेंशन का लाभ मिले
पेंशन डिवीजन ने उन कर्मचारियों के लिए भी दिशा-निर्देश दिए हैं, जिनके पास एक से अधिक पीएफ अकाउंट नंबर हैं, ताकि उन्हें ईपीएस (कर्मचारी पेंशन स्कीम) का लाभ मिल सके। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कर्मचारियों को उनकी पूरी पेंशन का लाभ मिले, भले ही उन्होंने कई कंपनियों में काम किया हो।
आपको बता दें कि जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है, तो वह अपने पुराने नियोक्ता के ईपीएफ खाते से शेष राशि को नए नियोक्ता के ईपीएफ खाते में ट्रांसफर कर सकता है। इस प्रक्रिया को ‘ट्रांसफर क्लेम’ कहा जाता है। ईपीएफओ का यह नया नियम इस प्रक्रिया को पहले से कहीं अधिक सहज और कर्मचारी-अनुकूल बना देगा, जिससे लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
क्यों महत्वपूर्ण है नया नियम
यह नया नियम कर्मचारियों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
- अब ओवरलैप के कारण अनावश्यक रूप से दावों को खारिज नहीं किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को मानसिक तनाव से राहत मिलेगी।
- दावों की प्रक्रिया अब और अधिक तेजी से पूरी हो सकेगी, क्योंकि क्षेत्रीय कार्यालयों को हर छोटे-मोटे ओवरलैप पर स्पष्टीकरण मांगने की जरूरत नहीं होगी।
- अक्सर देखा गया है कि कुछ कर्मचारियों के पुराने और नए नियोक्ता को छोड़ने और ज्वाइन करने की तारीख के बीच एक या दो दिन का अंतर होता है, जिसे ‘ओवरलैप’ माना जाता था। अब ऐसे वास्तविक ओवरलैप को स्वीकार किया जाएगा।
- कई पीएफ खाते रखने वाले कर्मचारियों को ईपीएस लाभ सुरक्षित करना आसान होगा, क्योंकि ईपीएफओ अब इस पहलू पर विशेष ध्यान दे रहा है।
- इससे यह सुनिश्चित होता है कि कर्मचारियों की मेहनत की कमाई बिना किसी अनावश्यक रुकावट के उन्हें मिल सके, जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा बढ़ेगी।
ईपीएफओ का यह एक प्रगतिशील कदम है जो डिजिटल इंडिया और ‘ईज ऑफ लिविंग’ के सिद्धांतों को बढ़ावा देता है, जिससे अब कर्मचारियों के लिए पीएफ से जुड़े काम और भी आसान हो जाएंगे।
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