कहा, राज्य की पूर्व सरकारों ने युवाओं और उनके हितों की अनदेखी की

Punjab CM News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान ने एक बार फिर से प्रदेश की पूर्व सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि रिवायती पार्टियों की सरकारों के समय प्रदेश के युवाओं व उनके हितों की अनदेखी की गई। मान ने कहा कि युवाओं के कौशल और उनकी प्रतिभा को कुचला गया और सरकार में बैठे लोग प्रदेश के खजाने से अपनी जेबें भरने में लगे रहे।

मान ने कहा कि जब से उनकी सरकार सत्ता में आई है तभी से युवाओं को रोजगार देने की तरफ विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में युवाओं को 56,856 सरकारी नौकरियां प्रदान कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है, जिससे प्रतिभा पलायन की प्रवृत्ति को उलट दिया गया है।

आज प्रतिभा के दम पर मिल रही नौकरी

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह बहुत गर्व और संतोष की बात है कि राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान कुछ युवाओं को तो दो या तीन नौकरियां भी मिली हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य की कमान संभालने के पहले दिन से ही उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि योग्य युवाओं को नौकरियां मिलें, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 56,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आज 858 युवा पंजाब सरकार के परिवार में शामिल हुए हैं और अब वे राज्य की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में सक्रिय साझेदार बनेंगे।

भर्तियों में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जा रही

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये भर्तियां पूरी पारदर्शिता के साथ की गई हैं और युवाओं ने कड़े मुकाबले वाली परीक्षाएं पास कर ये नौकरियां हासिल की हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार का पहले दिन से ही एकमात्र एजेंडा युवाओं को सरकारी नौकरियां देकर सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि आज पंजाब दिवस है, पर क्या यह सचमुच खुशी का पल है क्योंकि इसी दिन राज्य को अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया था।

नशे की कारोबारी बख्शे नहीं जाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन नेताओं ने नशे के कारोबार को संरक्षण दिया था, उन्हें पहले ही जेल के पीछे डाला जा चुका है और कहा कि ये नेता न केवल राज्यभर में नशे के व्यापार को बढ़ावा देते थे, बल्कि यह भी सुनने में आया है कि वे अपनी सरकारी गाड़ियों में भी नशा बेचते/सप्लाई करते थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहले किसी ने भी इन रसूखदार नेताओं को गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं दिखाई, पर उनकी सरकार ने ऐसा करके दिखाया है और अब उन्हें अपने पापों की कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात है कि जब उक्त अकाली नेता को गिरफ्तार किया गया तो विपक्षी राजनीतिक दलों के बीच अपवित्र गठजोड़ का पदार्फाश हुआ, जिन्होंने मानवाधिकारों के उल्लंघन का शोर मचाकर आरोपी के लिए विशेष सेल और सुविधाओं की मांग करने की कोशिश की।

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