कहा, संविधान और लोकतंत्र की हत्या कर देश की इमेज बिगाड़ी गई

Delhi News (आज समाज), नई दिल्ली। केन्द्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा की उपस्थिति में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जब इमरजेंसी लगाई गई थी उस वक्त एक युवा होने के नाते मैंने क्या देखा और उससे क्या सबक ली, साथ ही उस वक्त की स्थिति और मीडिया प्रभाव के बारे में भी मैंने आज दिल्ली भाजपा द्वारा आयोजित मॉक पार्लियामेंट में अपने विचारों को रखा।

उन्होंने कहा कि देश में इमरजेंसी का प्रभाव, संविधान और लोकतंत्र की हत्या, विश्व पटल पर हमारी इमेज कैसे बिगाड़ी गई और साथ ही देश की राजनीतिक हलचल और इमरजेंसी से जो भी नुकसान हुआ उन सभी पहलुओं के बारे में हमने चर्चा की। संविधान हत्या दिवस के 50 वर्ष पूर्ण होने पर उस वक्त के तत्कालिन स्थिति का वर्णन किया। प्रेसवार्ता में दिल्ली भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष सागर त्यागी, प्रदेश प्रवक्ता यासिर जिलानी एवं दिल्ली भाजपा युवा मोर्चा मीडिया प्रमुख शुभम मलिक भी उपस्थित थे।

कांग्रेस ने आपातकाल के लिए कभी माफी नहीं मांगी

डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि कुछ लोग संविधान की प्रति हाथ में लेकर घूमते हैं पर दिल की भावना कुछ और है, क्या कभी कांग्रेस ने आपातकाल के लिए माफी मांगी जिसमें उसने संविधान और लोकतंत्र दोनों का गला घोटा था। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में जब एससीओ की मीटिंग थी तो एक देश था जो आतंकवाद को बचाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन हमारे देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एस.सी.ओ. मीटिंग में साफ कह दिया कि अगर इसमें आतंकवाद को लेकर चर्चा नहीं है तो हम स्टेटमेंट को नहीं मानेंगे।

इमरजेंसी डिबेट का मुद्दा नहीं

डॉ. जयशंकर ने कहा कि इमरजेंसी कोई डिबेट का मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक संविधान और डेमेक्रेसी, मीडिया और राजनीतिक को कुचलने के लिए याद किया जाने वाला काला अध्याय है और आज जो विपक्ष पिछले 11 साल को उद्घोषित इमरजेंसी कह रहे हैं उनसे साफ कर दूं कि अगर इमरजेंसी होती तो ना तो संसद चलते और ना ही सरकार से सवाल पूछने वालो को छोड़ा जाता क्योंकि कांग्रेस की सरकार में ऐसा ही हुआ था।

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