बंदर पर किया परीक्षण, ऐसी चीजें देखने में बनाया सक्षम, जो वास्तव में है ही नहीं
Neuralink Blindsight (आज समाज) नई दिल्ली: एलन मस्क की न्यूरालिंक कॉपोर्रेशन ने एक बड़ा वैज्ञानिक दावा किया है। कंपनी ने एक ऐसे ब्रेन इम्प्लांट डिवाइस का सफल परीक्षण किया है, जो मस्तिष्क के विजुअल हिस्सों को उत्तेजित कर उस दृश्य की कल्पना करवा सकता है जो वहां असल में मौजूद नहीं है। इस तकनीक का नाम है Blindsight और यह नेत्रहीनों को देखने की नई उम्मीद दे सकती है।
न्यूरालिंक के इंजीनियर जोसेफ ओ’डोहार्टी ने बताया कि परीक्षण के दौरान बंदर ने दो-तिहाई बार उन वस्तुओं की ओर आंखें घुमाईं, जिन्हें वैज्ञानिकों ने दिमाग को भ्रमित कर दिखाने की कोशिश की। इस प्रयोग को हाल ही में एक कांफ्रेंस में सार्वजनिक किया गया है।
मिल सकती है मानव परीक्षण की मंजूरी
ओ’डोहार्टी के मुताबिक, यह डिवाइस फिलहाल अमेरिकी एजेंसियों से मानव परीक्षण की मंजूरी का इंतजार कर रही है। मस्क का कहना है कि इसका शुरूआती लक्ष्य दृष्टिहीन लोगों को देखने में मदद करना है, जबकि दीर्घकालिक लक्ष्य इन्फ्रारेड जैसी सुपरह्यूमन दृष्टि प्रदान करना है।
इंसानों में भी हो रहा न्यूरालिंक का परीक्षण
अब तक पांच लोग न्यूरालिंक इम्प्लांट के साथ जी रहे हैं। इनमें से तीन को 2024 में और दो को 2025 में डिवाइस लगाई गई थी। ये यूजर्स हर हफ्ते करीब 60 घंटे तक डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन की दिशा में भी बंदरों पर प्रयोग किए जा रहे हैं जिससे भविष्य में लकवाग्रस्त लोग चलने-फिरने में सक्षम हो सकें।