ईएफटीए में शामिल हैं आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : बदलते वैश्विक परिवेश और अमेरिकी टैरिफ का हल तलाशने के लिए पिछले कुछ माह में भारत ने ब्रिटेन, कनाडा, अरब देश और यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते करने पर जोर दिया है। इन सभी में से एक प्रमुख व्यापार समझौता भारत और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के बीच हुआ है। यह मुक्त व्यापार समझौता 1 अक्तूबर से लागू होगा।
इसमें व्यापार और सतत विकास पर कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रावधान होंगे। इस संबंध में जानकारी देते हुए स्विट्जरलैंड की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि पहली बार भारत ने मुक्त व्यापार समझौते में व्यापार और सतत विकास पर कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रावधान निर्धारित किए हैं। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। दोनों पक्षों ने 10 मार्च, 2024 को व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे।
भारत में 15 साल में 100 बिलियन डॉलर का करेंगे निवेश
समझौते के तहत भारत को समूह के देशों से 15 वर्षों में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश का भरोसा मिला है। वहीं, स्विस घड़ियों, चॉकलेट और कटे व पॉलिश किए गए हीरों जैसे कई उत्पादों को कम या शून्य शुल्क पर बेचने की अनुमति दी गई है। समझौते के कार्यान्वयन के बाद 10 वर्षों के भीतर 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर और अगले पांच वर्षों में 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर – जिससे भारत में दस लाख प्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा। यह भारत की ओर से अब तक हस्ताक्षरित किसी भी व्यापार समझौते में सहमत अपनी तरह की पहली प्रतिज्ञा है। स्विटजरलैंड ने कहा कि इस समझौते से द्विपक्षीय आर्थिक आदान-प्रदान के लिए कानूनी निश्चितता और पूवार्नुमानशीलता बढ़ेगी।
भारत के लिए जरूरी हैं यह समझौते
आपको बता दें की वर्तमान समय में एक तरफ जहां भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है वहीं यह मौजूदा समय में कई चुनौतियों का सामना कर रही है। इनमें से सबसे बड़ी चुनौती भारत के प्रति बदला अमेरिका का रुख है। अमेरिका ने पिछले करीब एक माह से भारत पर भारी-भरकम टैरिफ लगा दिए हैं। भारत सरकार और उद्योग जगत इन टैरिफ से पड़ने वाले प्रभाव से उभरने के लिए प्रयास कर रहा है। इन्हीं प्रयासों में भारत द्वारा विश्व के अन्य देशों से किए गए मुक्त व्यापार समझौते अहम भूमिका निभाएंगे। इससे न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी बल्कि भारत अमेरिका द्वारा पैदा की जा रही चुनौतियों में से सफलता पूर्वक उभरने में सफल होगा।
भारत-ईयू एफटीए जल्द होगा : जोहान वेडफुल
भारत और जर्मनी ने व्यापार सुविधा और बाजार पहुंच को मजबूत करने पर चर्चा की। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में भारत और जर्मनी के कारोबारी प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठक की। इस बैठक की सह-अध्यक्षता जर्मनी के संघीय विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने की। जर्मन विदेश मंत्री दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। पीयूष गोयल ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि हमने रक्षा, अंतरिक्ष, नवाचार और आॅटोमोबाइल में सहयोग के अवसरों की भी खोज की। इससे हमारी साझेदारी की व्यापक संभावना पर बल मिला। यात्रा के दौरान, जर्मन विदेश मंत्री ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द ही अंतिम रूप देने के लिए अपने देश की प्रतिबद्धता की दोबारा पुष्टि की। भारत और यूरोपीय संघ का लक्ष्य 2025 के अंत तक महत्वकांक्षी एफटीए को पूरा करना है।
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