केंद्र सरकार न 25 हजार करोड़ से ज्यादा के निर्यात संवर्धन मिशन के दी मंजूरी
Business News (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वारा भारत पर अगस्त से लगाए गए टैरिफ से वर्तमान में भारतीय निर्यातक जूझ रहे हैं। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह घोषणा की है कि वे जल्द ही भारत के खिलाफ लगाए गए उच्च टैरिफ को हटा लेंगे लेकिन अभी यह तय नहीं है कि अमेरिका यह कदम कब उठाएगा। अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय उद्योग को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए आखिरकार भारत सरकार ने भी ब्राजील की पॉलिसी अपनाते हुए वित्तीय सहायता मंजूर की है। ताकि ट्रैरिफ से प्रभावित भारतीय उद्योग जल्द उभर सकें।
केंद्रीय कैबिनेट ने की यह व्यवस्था
कैबिनेट ने इस वित्त वर्ष से शुरू होने वाले छह वर्षों के लिए 25,060 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्धन मिशन को मंजूरी दी है। बुधवार को सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि निर्यात संवर्धन मिशन के तहत एमएसएमई निर्यातकों को ब्याज अनुदान प्रदान किया जाएगा। सरकार ने बुधवार को निर्यात संवर्धन मिशन को मंजूरी दे दी। इस मिशन के लिए चालू वित्त वर्ष से शुरू होकर छह वित्त वर्षों के लिए 25,060 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इस मिशन को दो उप-योजनाओं – निर्यात प्रोत्साहन और निर्यात दिशा – के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा।
ये उद्योग हुए हैं सबसे ज्यादा प्रभावित
सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह एक बहुत व्यापक मिशन है और इससे निर्यात के पूरे निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को मदद मिलेगी। इस मिशन के तहत वस्त्र, चमड़ा, इंजीनियरिंग, समुद्री व रत्न व आभूषण जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार के इस कदम से घरेलू निर्यातकों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से पैदा हुई वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं से बचाने में मदद मिलने की उम्मीद है। अमेरिका ने 27 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ लगाया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में जारी रहेगी तेजी
विपरीत वैश्विक परिस्थितियों और अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भी भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि जारी है। यह अन्य सभी विकासशील देशों के मुकाबले अच्छी दर से विकास कर रही है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि देश में मजबूत मांग के चलते अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर बनी हुई है। यह घरेलु मांग ही है जिससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था को बाहरी कारक ज्यादा प्रभावित नहीं कर पा रहे। अप्रैल-जून में वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर पांच तिमाहियों में सबसे तेज 7.8 फीसदी रही थी, जबकि 2024-25 की दूसरी तिमाही में यह 5.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी थी।
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