• राज्य में फरवरी-2025 से लागू है राष्ट्रपति शासन
  • सीएम बीरेन ने 9 फरवरी को दे दिया था इस्तीफा

Updates On Manipur Government, (आज समाज), इंफाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में अरसे से जारी जातीय हिंसा के बाद राष्ट्रपति शासन लागू है और अब राज्य में सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 44 विधायकों के समर्थन का दावा पेश किया है।

राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिले 10 विधायक

बताया जा रहा है कि 10 विधायक आज राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के पास पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया। 10 विधायकों में 8 भाजपा, एक एनपीपी और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। राज्य में लंबे समय से चल रही जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच बीरेन सिंह ने पद छोड़ा था।

लोकप्रिय सरकार चाहते हैं एनडीए के सभी विधायक

राज्यपाल से मुलाकात के बाद मणिपुर के निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह ने कहा कि एनडीए के सभी विधायक राज्य में एक लोकप्रिय सरकार चाहते हैं और यही अपील हमने गवर्नर से की है। उन्होंने कहा, हमने राज्यपाल अजय भल्ला के साथ अन्य बातों पर भी चर्चा की। मुख्य रूप से और मूल रूप से, मुख्य मुद्दा एक लोकप्रिय सरकार के गठन का था। निशिकांत ने बताया कि राज्यपाल की प्रतिक्रिया भी अच्छी थी।

जल्द लोकप्रिय सरकार के गठन की उम्मीद : निशिकांत

निर्दलीय विधायक ने कहा, हमें उम्मीद है कि लोकप्रिय सरकार का गठन जल्द ही होगा। उन्होंने बताया कि हमने राज्यपाल को एक पत्र भी दिया है, जिस पर हम सभी ने हस्ताक्षर किए हैं। इसमें बताया गया है कि मणिपुर में एनडीए के सभी विधायक एक लोकप्रिय सरकार बनाने के लिए बहुत उत्सुक हैं। निशिकांत सिंह ने कहा, हम जनता का समर्थन भी चाहते हैं। हमने जो पत्र दिया है, उस पर करीब 22 लोगों के हस्ताक्षर हैं।

राष्ट्रपति ने 13 फरवरी को लागू किया था प्रेजिडेंट रूल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के राज्यपाल से रिपोर्ट मिलने के बाद मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लिए गए इस फैसले का मतलब है कि राज्य के प्रशासनिक कार्यों को अब राज्यपाल के माध्यम से सीधे राष्ट्रपति द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।

इस स्थिति में लगाया जाता है राष्ट्रपति शासन

राष्ट्रपति शासन आमतौर पर तब लगाया जाता है जब राज्य सरकार को संवैधानिक मानदंडों के अनुसार काम करने में असमर्थ माना जाता है। यह कदम मणिपुर में राजनीतिक अस्थिरता और कानून-व्यवस्था की चिंताओं के बाद उठाया गया है। विधायी शक्तियों के निलंबन का मतलब है कि राज्य के सभी कानून और निर्णय अब संसद या राष्ट्रपति द्वारा केंद्रीय प्राधिकरण के तहत बनाए जाएंगे। प्रक्रियाएं राष्ट्रपति शासन लागू होने की अवधि छह महीने तक हो सकती है, जो संसदीय अनुमोदन के अधीन है। इस अवधि के दौरान, केंद्र सरकार शासन की देखरेख करेगी और नई विधानसभा चुनने के लिए नए चुनाव बुलाए जा सकते हैं।

दो साल से हिंसा, जानें वजह

मणिपुर में अशांति मुख्य रूप से बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और अल्पसंख्यक कुकी-जोमी जनजातियों के बीच झड़पों में शामिल थी। आर्थिक लाभ, नौकरी कोटा और भूमि अधिकारों से संबंधित विवादों को लेकर बीते दो साल से तनाव है। हिंसा के परिणामस्वरूप सैकड़ों लोग मारे गए हैं और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं।

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