Editorial Aaj Samaaj | राजीव रंजन तिवारी | यदि आज शोले वाला गब्बर होता तो एक बार फिर जोर से आवाज लगाता। बोलता कि वो लेडी गोडसे, तूने तो मेरा पूरा का पूरा नाम मिट्टी में मिलाए दियो। जी, यह सोचकर ही कष्ट हो रहा है। समाज में कैसा भाव, विचार, सोच और समझ पल्लवित हो रही है। भविष्य में इसका हश्र क्या होने वाला है। अभी से महसूस कर मन भयाक्रांत है। मेरी नजर में भरोसे का कत्ल सबसे बड़ा गुनाह है। बाकी अदालतें जो समझें। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले पर गोली चलाकर लेडी गोडसे के नाम से मशहूर हुई पूजा शकुन पांडेय का कारनामा इस वक्त सोशल मीडिया पर तैर रहा है। सवाल-जवाब तो इस तरह के हो रहे हैं, जिसे यह उल्लिखित करना संभव नहीं है।
जरा सोचिए। जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर स्वयंसेवक जश्न में डूबे थे, तब योगी आदित्यनाथ वाले यूपी की अलीगढ़ पुलिस कथित संघ की विचारधारा वाली एक महिला महामंडलेश्वर पूजा शकुन पांडेय को हत्या के आरोप में तलाश रही थी। आरोप है कि बीस साल छोटे व्यापारी को अपने कथित सेक्स जाल में फंसा कर यह हिंदू नेत्री व्यापारी से पैसा वसूलती रही और जब व्यापारी ने इस चंगुल से निकलने की कोशिश की तो किराए के हत्यारों से गोली मरवा दी। हत्या के 20 दिन पहले से व्यापारी ने इस पूजा का फोन उठाना बंद कर दिया था। गौर करें कि मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने वाली इस कथित साध्वी ने हत्या के लिए मुसलमानों को ही चुना।
शायद आपको याद आए कि हर साल 30 जनवरी को यह औरत महात्मा गांधी के चित्र अथवा पुतले पर नकली बंदूक से गोली मारने का अभिनय करती रही है। नमाज पर पाबंदी से ले कर आए दिन नफरत बांटने वाली इस औरत पर कथित रूप से सेक्स, वसूली व हत्या में लिप्त रहने का आरोप है। गौरतलब है कि यूपी के हाथरस के सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव कचौरा निवासी बाइक शोरूम संचालक अभिषेक गुप्ता की हत्या 26 सितंबर देर शाम खेरेश्वर चौराहा पर बाइक सवार शूटरों ने कर दी थी। इसमें परिजनों ने अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडेय, उनके पति राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पांडेय व दो अज्ञात आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस ने अशोक पांडेय को 28 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने खुलासा किया कि इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए शूटर मोहम्मद फजल को तीन लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। फजल पुलिस की गिरफ्त में है। उसके पास से एक अवैध तमंचा, दो जिंदा कारतूस और सुपारी की रकम में से 7200 रुपए बरामद हुए हैं। हालांकि आरएसएस से जुड़े लोग यही कहेंगे कि इसका संघ से कोई लेना देना नहीं, लेकिन यह हर चुनाव में भाजपा के लिए वोट तो यही मांगती रही। हालांकि मैं नहीं जानता यह लेडी गोडसे के नाम मशहूर यह महिला संघ से जुड़ी है अथवा नहीं। लेकिन यदि जुड़ी हो तो संघ को चाहिए कि इससे तुरंत अपना नाता तोड़ ले।
सबसे पहले पूरे मामले को ठीक से समझते हैं। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के खैर इलाके में अभिषेक गुप्ता नाम के कारोबारी की पिछले दिनों बस स्टैंड पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने गोली मारने वाले को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में मोहम्मद फजल नाम के शूटर ने बता दिया कि उसने किसके इशारे पर अभिषेक गुप्ता की हत्या की है। मामला पैसे को लेकर हुए विवाद का था और हत्या का आरोप हिंदू महासभा की नेता पूजा शकुन पांडेय और उनके पति अशोक पांडेय पर लगा है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी वायरल हो रही है, जिसमें मारे गए अभिषेक गुप्ता कथित तौर पर आरोपी महिला के बारे में लिखते हुए उसे लेडी नाथूराम गोडसे बता रहे हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि पोस्ट इन्हीं अभिषेक गुप्ता का है या नहीं।
पुलिस के अनुसार, अभिषेक गुप्ता अलीगढ़ के खैर इलाके के युवा व्यापारी थे। वह एक बाइक का शोरूम चलाते थे। बीते दिनों वह अपने पिता और चचेरे भाई के साथ बस पकड़ने खेरेश्वर चौराहे पर गए थे। तभी उन्हें निशाना बनाकर गोली मारी गई, जिससे उनकी मौत हो गई। परिवार के लोगों ने आरोप लगाया कि हिंदू महासभा की नेता पूजा शकुन पांडेय और उनके पति अशोक पांडेय के साथ अभिषेक का पैसों को लेकर विवाद चल रहा था। इसे लेकर अभिषेक पर काफी दबाव था और उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था। परिवार को शक है कि पूजा शकुन पांडेय और अशोक पांडेय ने ही अभिषेक की हत्या कराई है।
इस संदर्भ में अलीगढ़ के एसएसपी नीरज कुमार जादौन ने मीडिया को बताया कि 28 सितंबर की रात साढ़े नौ बजे अभिषेक गुप्ता की दो बाइक सवारों ने हत्या कर दी थी। मौके का निरीक्षण अधिकारियों ने किया और परिवार की तहरीर पर गांधीबाग थाना इलाके के रहने वाले अशोक पांडेय और पूजा शकुन पांडेय के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि हत्यारे को पकड़ने के लिए पुलिस ने पहले तो अपने मुखबिरी तंत्र को एक्टिवेट किया। फिर खैर से सिकंदराराऊ मार्ग तक के सारे सीसीटीवी फुटेज खंगाल डाले। कई गवाहों से भी पूछताछ की गई। इन सबके नतीजे में हत्या में शामिल शूटर फजल पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने उसे पकड़कर पूछताछ की तो उसने हत्या से जुड़े कई खुलासे किए। उसने बताया कि हत्या के लिए 3 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी, जिसमें से 1 लाख रुपये उसे एडवांस में मिले थे।
रिपोर्ट के अनुसार, फजल को ये पैसे दिए थे पूजा शकुन पांडेय और अशोक पांडेय ने। पुलिस ने दोनों का कनेक्शन पता करने के लिए और जांच की तो पता चला कि बीते दो महीने में पूजा शकुन पांडेय और अशोक पांडेय की फजल से 38 बार फोन पर बात हुई थी। इस दौरान दोनों पक्षों में कई बार सौदेबाजी हुई। फजल ने पुलिस को बताया कि वह पूजा शकुन पांडेय और उसके परिवार को कई वर्षों से जानता था। पहले भी वह उनकी कई कामों में मदद कर चुका था। इसी पुराने रिश्ते के भरोसे पर ही उसे हत्या की सुपारी दी गई थी।
पुलिस के अनुसार, अशोक पांडेय और पूजा शकुन पांडेय ने एक शख्स के मर्डर के लिए फजल से एक आदमी मांगा था। फजल ने इसके बाद उन्हें आसिफ से मिलवाया। उनकी मीटिंग हुई और इस मीटिंग में अभिषेक का फोटो शूटर को दिखाया गया था। तीन लाख रुपये में बात तय हुई और एक लाख रुपये शूटरों को कैश दिए गए थे। इसके बाद आरोपियों ने पहले रेकी की और खैर में अभिषेक को मारने की कोशिश की लेकिन वहां मौका नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने अभिषेक का पीछा किया और सिकंदराराऊ जाने वाली बस स्टैंड पर उन्हें गोली मार दी।
मामले में पुलिस ने अशोक पांडेय को 28 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, पूजा शकुन पांडेय फरार है। उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर तलाशी अभियान तेज किया गया है। इस हत्याकांड में एक और शूटर आसिफ की तलाश जारी है। खास बात यह है पूजा शकुन पांडेय को चाहने वाले हतप्रभ हैं। उन्हें यह लग रहा है कि वे किस नेत्री के साथ काम कर रहे थे, जो हत्यारी है और अपने समर्थक की ही हत्या करवा सकती है। यह मामला न सिर्फ अलीगढ़ परिक्षेत्र बल्कि पूरे यूपी और देश में गूंज रहा है।
अब जानिए पूजा शकुन पांडेय के बारे में। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पूजा शकुन पांडेय का एक अकाउंट है, जिसमें उन्हें महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती बताया गया है। परिचय में और भी बातें लिखी हैं। जैसे, वह निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हैं। हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव हैं। सनातन हिंदू सेवा संस्थान की न्यासी और हिंदू न्याय पीठ की पीठाधीश्वर हैं। अकाउंट पर एक पोस्ट पिन है, जिसमें एक फोटो में वह गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत यती नरसिंहानंद के साथ हैं। इस के साथ एक बयान लिखा है कि केवल घंटा बजाने से काम नहीं होगा। धर्म की रक्षा करना और धर्म के लिए बोलना व संघर्ष करना असली संत का काम है।
पूजा शकुन पांडेय पहले भी विवादित रह चुकी हैं। पहली बार वह तब चर्चा में आई थीं जब उन्होंने महात्मा गांधी के पुतले को गोली मारते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इस वीडियो में वह गोडसे जिंदाबाद के नारे लगाते भी दिखी थीं। सनद रहे कि नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या की थी। पूजा शकुन पांडेय के पति अशोक पांडेय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। मारे गए अभिषेक गुप्ता की भी प्रोफाइल सोशल मीडिया पर तैर रही है। खासतौर पर उनकी एक पोस्ट जिसमें वह उनकी हत्या की आरोपी पूजा शकुन पांडेय को जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं। इसमें पूजा को देशभर में लेडी गोडसे के नाम से प्रसिद्ध बताया गया है। हालांकि, ये अकाउंट अभिषेक का ही है, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है।
बहरहाल, अब तो पूरी बात समझ में आ गई होगी कि किस तरह धर्म के आड़ में लेडी गोडसे ने अपने ही करीबी का कत्ल करा दिया। अब इस तरह के चोले धारण कर खुद संत बताने वालों पर भरोसा कैसे किया जाए। यदि इसी तरह सब कुछ चलता रहा तो भविष्य में भरोसा और विश्वास का संकट पैदा हो जाएगा। इसलिए इस तरह के भाव और विचार पर तत्काल विराम की दरकार है, वरना कहानी और बिगड़ेगी। (लेखक आज समाज के संपादक हैं।)