Editorial Aaj Samaaj | राकेश शर्मा | कथित सनकी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कल भारत से व्यापार पर 25 प्रतिशत व्यापार टैरिफ लगाकर वह कर दिया जो वह विश्व भर में अपनी हैंकड़ी दिखाने के लिए, कमजोर राष्ट्रों को अपनी शर्तें मनवाने और दबाव डालने के लिए करता आया है। ये सनकी यहीं नहीं रुका बल्कि यह भी कह दिया कि भारत को रूस से ईंधन और ऊर्जा आयात करने के लिए अतिरिक्त टैरिफ भी देना होगा। इसकी आशंका तो थी लेकिन अब इस सनकी ने एक अगस्त से इसे लागू करने की घोषणा कर दी है।

राकेश शर्मा, कार्यकारी निदेशक, आज समाज।

किसी नाजायज दबाव में झुकता नहीं है अबका भारत

अपनी अस्थिर सोच और निर्णयों के कारण विश्व में अपनी विश्वसनीयता खोते जा रहे ट्रम्प को मालूम तो है कि मोदी के नेतृत्व मेें ये नया भारत है जो किसी भी नाजायज दबाव में झुकता नहीं है और जो भारत और भारतीयों के हित में है वही करता है। यदि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कहता है अमेरिका फर्स्ट तो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दृढ़ता से कहते है कि भारत और भारतीय फर्स्ट। चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े, वह करते है।

डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा की जल्दबाजी का यह है कारण

इसके आर्थिक पहलुओं पर बाद में चर्चा करेंगे, लेकिन मुझे लगता है इस घोषणा की जल्दबाजी का कारण मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय संसद में दिया गया वह वक्तव्य ही है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि आॅपरेशन सिंदूर किसी के कहने पर नहीं रोका गया। प्रधानमंत्री के वक्तव्य का लबोलुआब यही था कि आॅपरेशन सिंदूर बंद करने के बारे में 17 जून तक उनकी विश्व के किसी भी नेता से कोई बात नहीं हुई। इसके साथ ही ट्रम्प के 29 बार किए दावे की हवा निकल गई। ट्रम्प ने 29 बार कहा था कि मैंने भारत पाक के बीच युद्धविराम कराया है। जब ट्रम्प से कोई बात ही नहीं हुई तो युद्धविराम शायद स्वप्न में कराया होगा।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति का 9 मई को आया था फोन

इस विश्वस्तरीय नेता की विश्व में इससे बड़ी सरेआम बेइज्जती और क्या हो सकती है? प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बारे में अमेरिकी उपराष्ट्रपति का 9 मई को रात्रि में फोन आया था जब वह सुरक्षा एजेंसियों के साथ खास मीटिंग कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहलवा दिया अभी मीटिंग में हैं और बाद में बात करेंगे। लगभग एक घंटे बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरिकी उपराष्ट्रपति वेंस को वापस फोन किया। वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया की पाकिस्तान बड़ा हमला करने वाला है। इस पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया कि इसका माकूल जवाब दिया जाएगा।

हर प्रकार की आपदा के लिए तैयार थे नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी पर वेंस से हुई इस वातार्लाप की कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि वह हर प्रकार की आपदा के लिए तैयार थे। बस इतनी सी बात किसी विदेशी नेता के साथ हुई। उसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स सम्मेलन में नरेंद्र मोदी से ना मिलने के कारण 17 जून को मोदी से बात की और तब तक युद्धविराम 10 मई को हो चुका था। इस दौरान भी युद्धविराम किसने कराया कोई चर्चा नहीं हुई और यह बात विदेश सचिव ने सभी को प्रेस कांफ्रेंस कर बता दी थी।

मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति का अमेरिका आने का अनुरोध ठुकराया

इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति का ब्रिक्स से लौटते हुए अमेरिका आने का अनुरोध भी यह कहकर ठुकरा दिया कि मुझे भारत में बहुत काम है। इसके पहले आर्मी ने भी बता दिया था कि पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को अनुरोध कर युद्धविराम करने का अनुरोध किया था। लेकिन दुनिया का कथित ह्यफूफाह्ण बने घूम रहे ट्रम्प झूठ परोसते रहे कि मैंने भारत पाक के बीच युद्ध विराम कराया है। इस बात का झटका ट्रम्प को ही नहीं लगा बल्कि कांग्रेस के राजकुमार राहुल गांधी और पूरे इंडी गठबंधन को भी लगा।

युद्धविराम के बाद से ‘नरेंद्र सरेंडर’ का नैरेटिव फैला रहे थे राहुल

राहुल गांधी युद्धविराम के बाद से ही ‘नरेंद्र सरेंडर’ का नैरेटिव फैला रहे थे। कहते फिर रहे थे की ट्रम्प का फोन आया और नरेंद्र ने ट्रम्प के कहने पर सरेंडर कर दिया। संसद के पटल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए बयान पर राहुल के झूठ की भी पोल खुल गई और अब उसे चुल्लू भर पानी में डूबने की जगह नहीं मिल रही है। याद रहे झूठ के पाओं नहीं होते। इसी क्रम में राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने भी आॅपरेशन सिंदूर पर संसद में दिए अपने बयान में जमकर विपक्ष की बखिया उघेड़ी और सरकार के कामकाज की तारीफ की।

भारतीय किसानों और भारतीयों के हितों से नहीं होगा कोई समझौता

अब ट्रम्प के टैरिफ वॉर प्रारंभ करने के बाद राहुल को समझ आ गया होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत और भारतीय किसी भी नाजायज दबाव में नहीं झुकते है। वाणिज्य मंत्रालय ने साफ कह दिया कि भारतीय किसानों और भारतीयों के हितों से अमेरिका-भारत के बीच टैरिफ संवाद से कोई समझौता नहीं होगा। इससे थोड़े समय के लिए शेयर मार्केट में थोड़ा उतार चढ़ाव आ सकता है लेकिन वह भी ठीक हो जाएगा। रूस से व्यापार बंद करने की धमकी देकर अमेरिका ने अपना ज्यादा बड़ा नुकसान कर लिया लगता है।

विषय पर भारत से वार्ता जारी : अमेरिकी वाणिज्य विभाग

भारत ने जब अब तक अमेरिका और नाटो के कहने पर रूस से व्यापार बंद नहीं किया तो अब इस धमकी के बाद क्या ही करेंगे। इस सबके बाद अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने कल ही कहा कि अभी इस विषय पर भारत से वार्ता जारी है। इसका मतलब वह ऐसी घोषणा कर भारत के शक्ति सामर्थ्य को परख रहे है। अंकल सैम लिख लो भारत में भी भारत फर्स्ट है और हम अपने हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे। हां हमारे देश में कुछ जयचंद हैं जिन्हें आप नागपंचमी का दूध पिलाते रहो लेकिन भारत मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत की और अग्रसर है और आपका कोई पेंतरा काम आने वाला नहीं है। – (लेखक आज समाज के कार्यकारी निदेशक हैं)

यह भी पढ़ें : Editorial Aaj Samaaj : सांस्कृतिक एकता के सूत्र