डीजीपी ओपी सिंह भी पहुंचे यूनिवर्सिटी
Delhi Blast Update, (आज समाज), नई दिल्ली/फरीदाबाद: दिल्ली ब्लास्ट के तार फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ने के बाद जांच एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी पर शिकंजा कस दिया है। सुरक्षा एजेंसिया यूनिवर्सिटी में डेरा डाले हुए है। इसी कड़ी में आज सुबह एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के 25 ठिकानों पर रेड की है। जांच के दौरान यूनिवर्सिटी के अंदर कई अनियमितताएं मिली हैं। जिसमें 9 शेल कंपनियां एक ही पते पर रजिस्टर्ड पाई गईं।

कई कंपनियों में एक ही मोबाइल नंबर है। साथ ही ईपीएफओ का भी कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इसके अलावा ईडी ने यूनिवर्सिटी के एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक को सील कर दिया है। वहीं मंगलवार सुबह हरियाणा के कार्यवाहक डीजीपी ओपी सिंह भी यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। कुछ देर रुकने के बाद वह यहां से चले गए। यूनिवर्सिटी का मेडिकल स्टाफ छुट्‌टी लेकर अपने घर जा रहा है।

डॉ. निसार की पत्नी-बेटी हाउस अरेस्ट

जांच एजेंसियां ने आतंकी मॉड्यूल से जुड़े डॉ. निसार उल हसन की डॉक्टर पत्नी और एमबीबीएस कर रही बेटी को यूनिवर्सिटी कैंपस में ही हाउस अरेस्ट किया है। वहीं एमबीबीएस के 10 और छात्रों के यूनिवर्सिटी कैंपस से बाहर जो पर रोक लगाई गई है। इनके मोबाइल जांच एजेंसियों के पास हैं। मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्डिग व अन्य डेटा चेक किया जा रहा है।

डायरी में लिखे मैसेज किए डिकोड

वहीं एनआईए की जांच में सामने आया है कि ये व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल दो साल पहले शुरू हुआ था। एनआईए ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से मिली डॉक्टरों की डायरी में लिखे मैसेज डिकोड कर लिए हैं। डॉ. उमर की 150 पेज की डायरी में ज्यादातर नंबरों में मैसेज लिखे हैं, जिन्हें समझने के लिए फोरेंसिक लैब में क्रिप्टो ग्राफिक एक्सपर्ट जांच कर रहे हैं। डायरी में जिन 25 लोगों के नाम मिले हैं, उनमें से 18 को हिरासत में लिया गया था। इनमें से 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। डायरी में दिसंबर 2023 से पहले की कोई जानकारी नहीं है।

यूनिवर्सिटी कैंपस के हॉस्टल और रिहायशी इलाकों की तलाशी ली

जांच अधिकारियों ने अभी तक अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस के हॉस्टल और रिहायशी इलाके की ही तलाशी ली थी। सोमवार से दूसरे कोर्स में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स और पढ़ाने वाले टीचर्स के घरों में भी तलाशी शुरू कर दी गई है। आसपास के गांव में रेंट पर रहने वाले स्टूडेंट और फैकल्टी समेत तमाम स्टाफ से आधार कार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट्स चेक कर रहे हैं।

एनआईए ने यूनिवर्सिटी का रिकॉड मंगवाया

वहीं एनआईए ने 2019 से यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड, भर्ती, हाजिरी, सैलरी और पहचान पत्र मंगवा लिए हैं। इसमें सबसे जरूरी कश्मीरी डॉक्टरों के नौकरी पर आने से जुड़े कागजात हैं। वहीं, यूनिवर्सिटी की वेबसाइट तीन दिन बाद फिर से शुरू हो गई है, लेकिन यहां से नैक रैंकिंग समेत कई जानकारियां हटा दी गई है।

पश्चिमी बंगाल से डॉ. नासिर हसन को किया गया था गिरफ्तार

डॉ. नासिर हसन अल-फलाह यूनिवर्सिटी में मेडिसन विभाग के प्रोफेसर है। वह दिल्ली में लाल किले के सामने बम ब्लास्ट में खुद को उड़ाने वाले आतंकी डॉ उमर नबी, डॉ मुजम्मिल शकील और डॉ शाहीन सईद के संपर्क में था। 10 नंवबर को हुए दिल्ली ब्लास्ट के बाद डॉ. नासिर फरार हो गया। बाद में जांच एजेंसियों ने पश्चिमी बंगाल से गिरफ्तार किया।

2023 में जम्मू-कश्मीर सरकार ने डॉ. निसार को कर दिया था बर्खास्त

जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि डॉ. निसार पहले से ही इस आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था। वो जम्मू-कश्मीर में रहते हुए भी विवादों में आया था। तब वह श्रीनगर में एसएमएचएस अस्पताल में असिस्टेंट प्रोफेसर था। वहां साल 2023 में जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा बर्खास्त किया गया। आरोप था कि उसकी गतिविधियां राज्य की सुरक्षा के खिलाफ थी।

एमबीबीएस स्टूडेंट्स और इंटर्न से भी की जा रही पूछताछ

जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, डॉ. आलिम गौर, डॉ. सैमशुल, डॉ. आशील समेत कई एमबीबीएस स्टूडेंट्स और इंटर्न से भी पूछताछ चल रही है। डॉ. आलिम और डॉ. आशील दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी डॉ. उमर की लाल रंग की इको स्पोर्ट कार चलाते थे। डॉ. सैमशुल डॉ. आलिम का दोस्त है। सभी के मोबाइल जब्त किए गए हैं।

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