Indian External Affairs Minister S Jaishankar In UN, (आज समाज), न्यूयॉर्क : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान पर निशाना साधा है। उन्होंने शुक्रवार (24 अक्टूबर, 2025) को कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों और गुनहगारों को एक तराजू में तोलना अनुचित है। यानी आतंकवाद की समस्या का सामना कर रहे देशों व आतंकवाद के पालनहारों को एक समान नहीं समझा जाना चाहिए।

यूएनएससी की 80वीं वर्षगांठ पर बोले रहे थे जयशंकर

भारतीय विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में बोले रहे थे। उन्होंने पड़ोसी मुल्क पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जब एक सदस्य देश आतंकियों को पनाह देता है, उन्हें पालता है, तो यह बहुपक्षीयता की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाता है। आतंकवाद पीड़ितों व गुनहगारों को एक ही तराजू में तोलना न सिर्फ बेइंसाफी है, बल्कि यह ग्लोबल सिस्टम के लिए खतरा भी है।

पहलगाम हमले की जिम्मेदारी का हवाला दिया

भारत ने यूएनएससी में पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकवादी संगठन को बचाने के पाकिस्तान के प्रयासों का हवाला देते हुए कहा कि तत्काल सुधारों के अभाव में वैश्विक निकाय का काम अवरुद्ध हो गया है। जयशंकर ने वैश्विक रणनीति के नाम पर आतंकवाद के पीड़ितों और अपराधियों को एक समान मानने वालों की भी आलोचना की और इस नृशंस आतंकी हमले (पहलगाम हमले) के संदर्भ में भारत-पाकिस्तान को एक ही नाम से देखने का स्पष्ट संकेत दिया। 

संयुक्त राष्ट्र में सब कुछ ठीक नहीं : विदेश मंत्री

विदेश मंत्री ने कहा, संयुक्त राष्ट्र में सब कुछ ठीक नहीं है क्योंकि इसकी बहसें तेज़ी से ध्रुवीकृत हो गई हैं और इसका कामकाज स्पष्ट रूप से अवरुद्ध हो गया है। उन्होंने कहा, किसी भी सार्थक सुधार को सुधार प्रक्रिया के ज़रिए ही बाधित किया जाता है। जयशंकर ने कहा, संयुक्त राष्ट्र को पुनर्गठित करते हुए भी उसे बनाए रखना दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने पूछा, आतंकवाद के प्रति संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया से ज़्यादा कुछ उदाहरण संयुक्त राष्ट्र के सामने मौजूद चुनौतियों के बारे में ज़्यादा नहीं बताते। जब सुरक्षा परिषद का एक वर्तमान सदस्य उसी संगठन का खुलेआम बचाव करता है जो पहलगाम जैसे बर्बर आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी लेता है, तो इससे बहुपक्षवाद की विश्वसनीयता पर क्या असर पड़ता है?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य है पाकिस्तान

जयशंकर ने हालांकि सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी से यह बिल्कुल स्पष्ट था कि उनका इशारा उसी देश की ओर था। इसी तरह, अगर वैश्विक रणनीति के नाम पर आतंकवाद के पीड़ितों और अपराधियों को एक समान माना जाए, तो दुनिया और कितनी निंदक हो सकती है। उन्होंने कहा, जब स्वयंभू आतंकियों को प्रतिबंध प्रक्रिया से बचाया जाता है, तो इससे उन लोगों की ईमानदारी का क्या पता चलता है। बता दें कि पाकिस्तान वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य है। जुलाई में वह इस शीर्ष वैश्विक संस्था का अध्यक्ष था।

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